Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Reliance ने तोड़फोड़ की घटनाओं का किया विरोध, दायर की याचिका

हमें फॉलो करें Reliance ने तोड़फोड़ की घटनाओं का किया विरोध, दायर की याचिका
, सोमवार, 4 जनवरी 2021 (12:46 IST)
मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने आज माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी सब्सिडरी जियो इंफोकॉम के जरिए एक याचिका दायर करते हुए शासन से उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैरकानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।

उपद्रवियों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक कार्यवाही से कंपनी के  हजारों कर्मचारियों की ज़िंदगी खतरे में पड़ गई है और साथ ही दोनों राज्यों में सहायक कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सेवा आउटलेट के रोजमर्रा के कामों में व्यवधान पैदा हुआ है।

तोड़फोड़ की इन कार्रवाइयों में संलिप्त उपद्रवियों को हमारे व्यावसायिक प्रतिद्ंवदवी तथा निहित स्वार्थी तत्व उकसा और साथ दे रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का लाभ उठाते हुए इन निहित स्वार्थी तत्वों ने रिलायंस के खिलाफ लगातार एक कुटिल, दुर्भावनायुक्त और विद्वेषपूर्ण अभियान चलाया है, जिसका सच से कोई वास्ता नहीं है।

माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रखे गए निम्नलिखित अकाट्य तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि इस अभियान का सत्य से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर देश में बहस चल रही है, उनसे रिलायंस का कोई लेना-देना नहीं है और न ही किसी भी तरह से उसे इनका लाभ पहुंचता है। कृषि कानूनों से रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है।

1.रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (RJIL) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉर्पोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग करती है और न ही करवाती है और न ही भविष्य में इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है।

2. कॉर्पोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती हेतु रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा/पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है। न ही भविष्य में भी ऐसा करने की हमारी कोई योजना है।

3. भारत में संगठित खुदरा व्यापार में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है। यह देश में दूसरी कंपनियों, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के विभिन्न ब्रांडों के खाद्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी श्रेणियों के उत्पादों को बेचती है।

यह किसानों से खाद्यान्न की सीधी खरीद नहीं करती। किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी भी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए हैं और न ही ऐसा चाहा कि इसके आपूर्तिकर्ता किसानों से उनके पारिश्रमिक मूल्य से कम पर माल खरीदें और न ही ऐसा कभी होगा।

4.130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं और उनका हम सम्मान करते हैं। रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसानों की सेवाओं के ग्राहक होने के नाते हम एक नए भारत में साझा समृद्धि, बराबर की भागीदारी, समावेशी विकास के आधार पर किसानों के साथ एक मजबूत और समान साझेदारी में विश्वास करते हैं।

5. इसलिए रिलायंस और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत, कल्पनाशीलता और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मूल्य मिले, इसका पूरा समर्थन करते है। रिलायंस स्थाई आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। हम अपने आपूर्तिकर्त्ताओं को सख्ती से कहेंगे कि वे सरकार द्वारा या किसी अन्य तंत्र द्वारा लागू या प्रस्तावित किसी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और/ या कृषि उपज के लिए तयशुदा आकर्षक मूल्य के आधार पर ही खरीद करें।

भारतीय किसानों के हितों को चोट पहुंचाना तो दूर की बात है, रिलायंस के व्यवसायों ने तो वास्तव में किसानों और भारतीय जनता को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया है। यह निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है।

1. रिलायंस रिटेल ने बड़े पैमाने पर निवेश करके एक विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला बनाई है और भारत के सबसे बड़े संगठित रिटेल बिजनेस को जन्म दिया है, जिसने भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को ही लाभ पहुंचाया है।

2. जियो के 4जी नेटवर्क ने भारत के हर एक गांव को विश्व की सबसे सस्ती दरों पर विश्वस्तरीय डेटा कनेक्टिविटी प्रदान की है, इससे करोड़ों भारतीय किसानों को भी डिजिटल क्रांति का लाभ मिला है। केवल चार वर्षों की छोटी सी अवधि में जियो भारत का सबसे बड़ा डिजिटल सेवा प्रदाता बन गया है, जिसके 40 करोड़ ग्राहक हैं।

31 अक्टूबर, 2020 तक जियो के पंजाब में 1 करोड़ 40 लाख (राज्य में लगभग 36% ग्राहक) और हरियाणा में 94 लाख (राज्य में लगभग 34% ग्राहक) हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि निहित स्वार्थों के विपरीत जियो ने ग्राहकों को जोड़ने के लिए किसी भी जोर जबरदस्ती या गैरकानूनी उपायों का सहारा नहीं लिया है।

3. कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों किसानों, ग्रामीणों और शहरी भारत के लिए जियो नेटवर्क एक लाइफ लाइन साबित हुआ है। इसने किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के डिजिटल लेनदेनों में मदद की है। इसने पेशेवरों को घर से काम करने में सक्षम बनाया है, वहीं विद्यार्थी भी घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं। शिक्षकों, डॉक्टरों, मरीज, अदालतों, विभिन्न सरकारी और निजी कार्यालयों, उद्योग और अनेकों धर्मार्थ प्रतिष्ठान को सुचारू रूप से चलाए रखने में भी जियो ने मदद की है। आपातकालीन और जीवनरक्षक सेवाएं प्रदान करने वालों की मदद के लिए भी जियो ने अपनी सेवाएं दी हैं।

रिलायंस अब तक उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा की पुलिस का शुक्रिया अदा करना चाहता है। इससे हाल के दिनों में तोड़फोड़ की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन हमारी कंपनी ने माननीय उच्च न्यायालय में अपनी याचिका के माध्यम से उपद्रवियों और निहित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ दंडात्मक और निवारक कार्रवाई की मांग की है, ताकि रिलायंस पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर से अपने सभी व्यवसायों को सुचारू रूप से चला सके।

हम जनता और मीडिया से आग्रह करते हैं कि वे सही तथ्यों के बारे में जागरूक हों तथा निहित स्वार्थों द्वारा उनके फायदे के लिए फैलाए जा रहे झूठ और फरेब के जाल से गुमराह न हों।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिवराज अभी नहीं लगवाएंगे कोरोना वैक्सीन,रोज 50 हजार हेल्थ वर्कर्स के वैक्सीनेशन का टारगेट