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अरुण जेटली की तबीयत को लेकर सरकार का बड़ा बयान

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, रविवार, 26 मई 2019 (20:57 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य बिगड़ने संबंधी खबरें पूरी तरह से गलत और आधारहीन हैं। मीडिया को इस तरह की अफवाहों से दूर रहना चाहिए।
 
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के प्रधान महानिदेशक और केंद्र सरकार के प्रवक्ता सिंताशु कार ने रविवार को ट्विटर पर स्थिति स्पष्ट करते हुए लिखा कि मीडिया के एक तबके में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चल रही खबरें पूरी तरह गलत और निराधार हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि मीडिया को इस तरह की अफवाहें फैलाने वालों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। 
 
कई बार प्रयास के बावजूद जेटली से संपर्क नहीं हो सका। हालांकि उनके कार्यालय ने कहा कि वे घर पर आराम कर रहे हैं। जेटली के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि जेटली के राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की संभावना नहीं है। दरअसल, उनके कमजोर स्वास्थ्य की वजह से उन्हें उपचार के लिए अमेरिका या ब्रिटेन आना-जाना पड़ सकता है। 
 
सूत्रों ने कहा कि जेटली (66 वर्ष) ‘बहुत कमजोर’ हो गए हैं। पिछले सप्ताह उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनकी जांच हुई और इलाज हुआ। गुरुवार को वे भाजपा मुख्यालय में आम चुनाव में जीत के जश्न में शामिल नहीं हो सके। 
 
जेटली के कॉलेज के दोस्त और मीडिया दिग्गज रजत शर्मा ने भी अफवाहों को दूर करने कोशिश की। शर्मा ने ट्वीट में कहा कि हर कोई मेरे दोस्त अरुण जेटली के स्वास्थ्य को लेकर चर्चा कर रहा है, कुछ लोगों की चिंता वास्तविक है जबकि कुछ लोग अविवेकपूर्ण बात कर रहे हैं। मैं आप लोगों से साझा करना चाहता हूं कि मैं कल (शनिवार) शाम ही जेटली से मिला। 
 
वे ठीक हो रहे हैं और पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने का आग्रह किया है। मुझे खुशी है कि वे मान गए हैं। 
 
राज्यसभा सदस्य स्वप्नदास गुप्ता ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने रविवार दोपहर जेटली से मुलाकात की और उन्हें अपनी पुस्तक की प्रति भेंट की। 
 
उन्होंने जेटली के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि अरुण जेटली के स्वास्थ्य से जुड़े सवाल स्वाभाविक है। वे लंबे समय तक चली दवाओं के असर से बाहर आ रहे हैं, लेकिन वे अब भी बेहतर स्थिति में हैं और उनकी बुद्धि एवं विवेक बरकरार है। उन्हें पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए कुछ आराम की जरूरत है। 
 
हालांकि दासगुप्ता ने इससे पहले जारी अपने ट्वीट में कहा था कि जेटली कीमो के असर से बाहर आ रहे हैं। दासगुप्ता ने घंटेभर बाद यह ट्वीट हटाकर नया ट्वीट किया। 
 
इस बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी रविवार को जेटली से मुलाकात की। दास ने भी जेटली के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि आज शाम केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के साथ शिष्टाचार भेंट की। 
 
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया कि हम सभी अरुण जेटली के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं। सूत्रों ने कहा कि हालांकि जेटली ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के पांचों सचिवों के साथ अपने घर पर बैठक की थी। 
 
किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रतिरोपण हुआ था। इस साल जनवरी में वे सर्जरी के लिए अमेरिका गए थे। उनके बाएं पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर है। यही वजह रही कि वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के इस साल पेश आखिरी बजट को पेश नहीं कर पाए। उनके स्थान पर रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया। पेशे से वकील अरुण जेटली मोदी मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण नेता रहे हैं। वे सरकार के संकटमोचक माने जाते हैं।

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