Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति (inflation) को 4 प्रतिशत पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आरबीआई जोखिमों पर नजर रखेगा, क्योंकि कीमतों के प्रबंधन पर कई बार वैश्विक आपूर्ति से संबंधित झटके लग सकते हैं।
दास ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक व्याख्यान में कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि मुद्रास्फीति के संबंध में एक घटना का दूसरी घटना पर और ऐसे ही क्रमिक प्रभाव (सेकंड ऑर्डर इफेक्ट) न पड़ सकें। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी सौंपी है जिसमें ऊपर-नीचे की ओर 2 प्रतिशत तक घट-बढ़ हो सकती है।
गवर्नर ने कहा कि बार-बार खाद्य कीमतों का झटका लगने की घटनाएं मुद्रास्फीति के स्थिर होने में जोखिम पैदा करती हैं। ऐसा फरवरी 2022 से चल रही है। हम इस पहलू पर भी नजर रखेंगे। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई की गंभीरता और अवधि को सीमित करने में सरकार द्वारा लगातार और समय पर किए गए आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में मूल्य स्थिरता के लिए किसी भी जोखिम के प्रति सतर्क रहना होगा और समय पर उचित कदम उठाने जरूरी हैं। दास ने कोई समयसीमा बताए बिना कहा कि हम मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने के लिए मजबूती से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सब्जियों की कीमतों की वजह से जुलाई में मुद्रास्फीति 7.4 प्रतिशत पर पहुंची गई थी लेकिन अब यह घटने लगी है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta