अनुच्छेद 370 पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पारित, हुआ जबर्दस्त हंगामा
भाजपा के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार से स्पेशल स्टेटस बहाल करने की मांग
जम्मू। बहुमत लेकर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पहली सरकार बनाने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अनुच्छेद 370 (Article 370) की बहाली की मांग का प्रस्ताव आज विधानसभा में पारित कर दिया। भाजपा सदस्यों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया जबकि नेकां सरकार को समर्थन देने वाली कांग्रेस (Congress) के सदस्य इस पर खामोश रहे।
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प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र सिंह चौधरी लाए : इस प्रस्ताव को उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र सिंह चौधरी द्वारा लाया गया था जिसका अनुमोदन एक अन्य मंत्री सकीना मट्टू ने किया था। जानकारी के लिए पीडीपी के विधायक वाहिद पर्रा ने भी विधानसभा सत्र के पहले दिन इस आशय का प्रस्ताव लाकर सबको चौंका दिया था। हालांकि 4 नवंबर को लाए गए उनके प्रस्ताव को मात्र 6 लोगों का समर्थन मिला था जबकि नेकां ने इसको यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसे लाने से पहले पीडीपी ने उनसे बात नहीं की थी।
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अनुच्छेद 370 के तहत मिले अधिकारों की बहाली की मांग को लेकर आज पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे तथा संवैधानिक गारंटी, जिस कारण जम्मू-कश्मीर की जनता सुरक्षित महसूस करती थी, को हटा दिए जाने पर यह विधानसभा चिंता प्रकट करती है।
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पारित किए गए प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि यह विधानसभा भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह 5 अगस्त 2019 को हटाए गए इस विशेष दर्जे की बहाली के लिए प्रदेश के चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करे। हालांकि इस प्रस्ताव के अंतिम पैराग्राफ में यह जरूर कहा गया है कि इस विशेष दर्जे की बहाली के दौरान राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आंकाक्षाओं का भी ख्याल रखा जाए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा अनुच्छेद 370 की बहाली पर महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाने के तुरंत बाद भाजपा के सभी 28 विधायकों ने सरकार के इस कदम को 'राष्ट्रविरोधी एजेंडा' करार देते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। 'यह राष्ट्र-विरोधी एजेंडा है। हम प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं,' भाजपा नेताओं ने सदन के वेल में आकर नारेबाजी की।
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शामलाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए : भाजपा नेता शामलाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए और कहा कि यह 1947 से जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं और भावनाओं के साथ खेलने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की चाल है। शामलाल शर्मा ने कहा कि कल आप कुछ और भाषा बोल रहे थे। अनुच्छेद 370 अंतिम है, यह राजनीतिक नौटंकी नहीं चलेगी। शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक जम्मू-कश्मीर को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करना आम बात रही है। स्पीकर को स्वतंत्र होना चाहिए और किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेना चाहिए।
जय-जय श्रीराम का नारा लगा : जबकि भाजपा नेताओं ने 'शर्म करो, शर्म करो' के नारे लगाए। सदन के वेल में रहकर भाजपा विधायकों ने नारे लगाए, जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है, देशद्रोही एजेंडा नहीं चलेगा, 5 अगस्त जिंदाबाद, राष्ट्रविरोधी एजेंडा नहीं चलेगा, भारतमाता की जय-जय श्रीराम।
भाजपा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस शंकराचार्य हिल्स का नाम बदलकर तख्त-ए-सुलेमानी करना चाहती है। यह उनका एजेंडा है। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। भाजपा विधायक सदन के वेल में रहकर चिल्लाए।
Edited by: Ravindra Gupta