नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में नरम पड़कर 5.59 प्रतिशत रही। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक माह पहले जून में 6.26 प्रतिशत और एक साल पहले जुलाई महीने में 6.73 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार, जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व माह में 5.15 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रिक नीति समीक्षा में 2021-22 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया।
आरबीआई के अनुसार मुदास्फीति में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
आरबीआई को ऊपर-नीचे दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के समय मुख्य रूप से सीपीआई मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है।(भाषा)