Revanth Reddy news : के कविता को जमानत के मामले टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय न्यायपालिका पर मैं पूरा भरोसा करता हूं। मैं भारतीय न्यायपालिका का सम्मान करता हूं। न्यायिक प्रक्रिया में मेरा दृढ़ विश्वास हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मान है। मैं भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों में दृढ़ विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं। मैं न्यायपालिका का सर्वोच्च सम्मान करता हूं और करता रहूंगा।
जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीएम रेवंत रेड्डी के बयानों की आलोचना की थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सियासी लड़ाई में कोर्ट को घसीटना सही नहीं है। कोर्ट राजनीतिक दलों से पूछकर फैसले नहीं सुनाता। ऐसे बयान लोगों के मन में शंका पैदा करते हैं।
रेवंत रेड्डी ने कविता की जमानत के लिए भाजपा और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी की ओर इशारा किया था। उनके इस बयान पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे बयानों से लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं।
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? बस इतना पढ़िए, कि उन्होंने क्या कहा। एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री का यह कैसा बयान है? इससे लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं। क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए? संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह से बोल रहे हैं?
पीठ ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें अदालत को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? हमें राजनीतिक नेताओं या किसी अन्य द्वारा हमारे फैसलों की आलोचना करने से कोई परेशानी नहीं होती। हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं।