नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंदिरा गांधी के विश्वासपात्र रहे आरके धवन का सोमवार शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उनके परिवार में सिर्फ पत्नी हैं। परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि धवन ने शाम करीब 7 बजे बीएल कपूर अस्पताल में अंतिम सांस ली। कांग्रेस नेता को बढ़ती उम्र संबंधी परेशानियों के कारण पिछले मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने ट्वीट किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन को हमारी श्रद्धांजलि। उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। कांग्रेस के सिद्धांतों के प्रति उनकी निष्ठा, प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी धवन के निधन पर शोक जताया।
मुखर्जी ने ट्वीट किया है कि आरके धवन के निधन से गहरा आघात पहुंचा है, हालांकि वे बीमार थे, लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि वे इतनी जल्दी हमें छोड़ जाएंगे। पार्टी और सरकार में करीबी सहयोगी और सहकर्मी रहे धवन को हमेशा याद किया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें धवन के निधन की सूचना से बहुत दु:ख पहुंचा है और वे सदमे में हैं। कैप्टन ने ट्वीट किया है कि मैं उन्हें हमेशा एक दक्ष नेता और पार्टी के विश्वासपात्र सैनिक के रूप में याद करूंगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। मैं भगवान से उनके परिवार को आघात सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।
इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहते हुए 1962 से 1984 तक धवन पर आरोप लगता रहा है कि वे प्रधानमंत्री तक पहुंचने वाली सूचनाओं को रोकते थे। आपातकाल (1975-77) के दौरान धवन इंदिरा गांधी के बेहद करीबी रहे। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर अफवाहें थीं कि धवन को दरकिनार कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद धवन कई महत्वपूर्ण पदों और संसदीय समितियों में रहे। धवन ने 74 वर्ष की आयु में 2011 में अचला के साथ विवाह किया।
सूत्रों के अनुसार धवन कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें कई परेशानियों के कारण 31 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती कराए जाने के समय धवन की हालत बहुत खराब थी। हालांकि धवन को पहले वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर 2 अगस्त को उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। (भाषा)