नई दिल्ली। नब्बे के दशक में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी का रथ रोक कर सुर्खियां बटारने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर के पूर्व अधिकारी और आर के सिंह को रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
बिहार के सुपौल में 20 दिसम्बर 1952 को जन्में सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में शिक्षा हासिल कर आगे की पढ़ाई के लिए नीदरलैंड के आरवीबी डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी चले गए।
पढ़ाई पूरी करके आईएएस बने राजकुमार सिंह 1975 बैच के बिहार कैडर अधिकारी नियुक्त हुए। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के आदेश पर 23 अक्टूबर 1990 को आर के सिंह के रूप में मशहूर राजकुमार सिंह ने समस्तीपुर के जिला अधिकारी रहते हुए तब सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा पर निकले आडवाणी का रथ रोकर उन्हें गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से नाराज भाजपा ने केंद्र की विश्वनाथ प्रतापसिंह सरकार से समर्थन वापस लिया।
आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए आरके सिंह को जून 2011 में केंद्र सरकार में गृह सचिव के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली।
गृह सचिव के रूप में उन्होंने समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव धमाके में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठनों तथा लोगों के शामिल होने संबंधी बयान दिए और इसके कारण भी वह खूब सुर्खियों में रहे।
जून 2013 सरकारी सेवा से निवृत्त होने के बाद राजनीति में सक्रिय हुए सिंह को भाजपा ने बिहार में आरा की लोकसभा सीट से 2014 के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया और एक नौकरशाह पहली बार संसद में पहुंचा और तीन साल तक सांसद रहने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर दिया गया। (वार्ता)