Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

RTI आवेदनों की संख्‍या में कमी का कारण बताया अमित शाह ने

हमें फॉलो करें RTI आवेदनों की संख्‍या में कमी का कारण बताया अमित शाह ने
, शनिवार, 12 अक्टूबर 2019 (17:00 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा सूचनाओं को सक्रियता से सार्वजनिक पटल पर रखना है ताकि आरटीआई आवेदन दायर करने की जरूरत को घटाया जा सके। शाह ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 14वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि आरटीआई आवेदनों की संख्या अधिक होने में किसी सरकार की सफलता नहीं होती है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित शाह ने कहा कि आरटीआई आवेदन दायर करने के सहज तरीके उपलब्ध होने के बावजूद उनकी संख्या कम होने का अर्थ है कि सरकार का काम संतोषजनक है। आरटीआई आवेदन ज्यादा होना सरकार की सफलता को नहीं दर्शाता। हम एक ऐसा तंत्र लाना चाहते हैं जहां लोगों को सूचना पाने के लिए आरटीआई आवेदन दाखिल करने की जरूरत न महसूस हो।

गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई 'डैशबोर्ड' प्रणाली ने सुनिश्चित किया कि हर किसी को बिना आरटीआई आवेदन दायर किए देश में जारी योजनाओं की ऑनलाइन जानकारी मिल सके। डैशबोर्ड के प्रयोग के जरिए हमने एक नए पारदर्शी युग की शुरुआत की। एक व्यक्ति डैशबोर्ड पर जाकर देख सकता है कि कितने शौचालय बनाए गए। डैशबोर्ड का प्रयोग कर लोग जान सकते हैं कि सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन कब मिलेगा? एक निरक्षर महिला डैशबोर्ड पर क्लिक कर जान सकती है कि उसे गैस सिलेंडर कब मिलेगा?

आरटीआई होना चाहिए इस बात पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून से दो कदम आगे बढ़ गई है। सरकार ने प्रशासन का काम इतना पारदर्शी बना दिया है कि आरटीआई आवेदन दायर करने की बहुत कम जरूरत है। यह प्रणाली इस तरह से काम करेगी कि हमें आरटीआई आवेदनों को दाखिल करने की जरूरत ही न हो।

गृहमंत्री ने कहा कि मेरा सीआईसी से एक अनुरोध है कि आप न सिर्फ आरटीआई आवेदनों का निपटान करें बल्कि लोगों को उन कदमों से भी अवगत कराएं, जो सुनिश्चित करते हैं कि हमें आरटीआई आवेदन दायर करने की जरूरत नहीं है।

शाह ने कहा कि कानून बनाने के पीछे की मंशा को पूरा करने में देश पिछले 14 साल से सफल रहा है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून बनाने के बीच मूल विचार व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि व्यवस्था संविधान के 4 कोणों पर चलती है। कानून का मुख्य उद्देश्य लोगों में विश्वास पैदा करना है कि व्यवस्था संविधान के अनुसार चल रही है।

शाह ने कहा कि संविधान और व्यवस्था में जब यह विश्वास जागृत रहता है तो लोगों की सहभागिता अपने आप बढ़ जाती है, जो देश को आगे ले जाती है। लेकिन जब अविश्वास होता है तो लोगों की सहभागिता मंद पड़ जाती है। भारत जैसे देश में आवश्यक है कि शासन एवं व्यवस्था में लोगों का विश्वास एवं सहभागिता मजबूत हो।

गृहमंत्री ने कहा कि जब हम आरटीआई के परिणामों का आकलन करते हैं तो हम देखते हैं कि पारदर्शिता बढ़ी है, भ्रष्टाचार खत्म हुआ है और इस कानून की वजह से सुशासन की गति भी बढ़ी है। हम डिजिटल रूप से सशक्त समाज की तरफ बढ़ रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी शिविर के लिए 22 खिलाड़ियों के नाम घोषित