सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राणा सांगा राष्ट्रभक्ति के प्रतीक हैं और उनके बारे में की गई अमर्यादित टिप्पणी स्वीकार नहीं की जा सकती। सभापति ने यह भी कहा कि सुमन ने जो टिप्पणी की है, उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सभापति ने राणा सांगा के बारे में देश की भावना को प्रतिबिंबित किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी सुमन द्वारा कही गई बातों को खंडन करना चाहिए। रीजीजू ने साफ कहा कि हम हिंसा का समर्थन नहीं करते।
खरगे का बड़ा बयान : विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति धनखड़ की ओर से राणा सांगा के बारे में जो बातें कही गई हैं, वह उससे पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन यह कतई उचित नहीं है कि उनके (सपा सदस्य के) आवास पर हमले किए जाएं और बुलडोजर चलाया जाए। खरगे ने यह भी कहा कि सुमन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
चुप नहीं बैठेगी भाजपा : भारतीय जनता पार्टी के राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा सुमन ने अपनी टिप्पणी वापस नहीं ली है बल्कि यह कहा है कि वह मरते दम तक अपनी बात पर अडिग रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष ने सुमन के दलित होने का मुद्दा उठाकर राणा सांगा का भी अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सुमन और कांग्रेस जब तक माफी नहीं मांग लेते तक भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी।
क्या बोले पीयूष गोयल : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सुमन की टिप्पणी निंदनीय है और देश के वीरों का अपमान है। उन्होंने आसन से आग्रह किया कि सुमन की टिप्पणी की सदन में निंदा की जाए ताकि सही संदेश जाए। इसके बाद सभापति ने सुमन को बोलने का अवसर दिया। सपा सदस्य सुमन ने अभी बोलना आरंभ भी नहीं किया था कि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने करीब 11 बजकर 29 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बहस में हिस्सा लेते हुए रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सांसद सुमन के आगरा स्थित आवास पर तोड़फोड़ की थी।
सुमन के आवास पर हमले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा की और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि सपा राणा सांगा की बहादुरी पर सवाल नहीं उठा रही है। उन्होंने दावा किया था कि हमला सुमन के दलित होने के कारण हुआ।
edited by : Nrapendra Gupta