तिरुवनंतपुरम। सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में हिन्दू संगठनों द्वारा आहूत सुबह से शाम तक 12 घंटे की हड़ताल गुरुवार सुबह शुरू हो गई।
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार राज्य की राजधानी में ऑटो रिक्शे और दोपहिया वाहन रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर पर आते-जाते दिखाई दिए, लेकिन कोझिकोड में सुबह प्रदर्शनकारियों ने कई जगह वाहनों को रोका और टायर जलाए।
यह हड़ताल विभिन्न हिन्दुत्ववादी समूहों के एक संयुक्त संगठन ‘सबरीमला कर्म समिति’द्वारा बुलाई गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहा है। भाजपा बंद का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस-नीत यूडीएफ गुरुवार को 'काला दिवस' मना रहा है।
गौरतलब है कि रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं कनकदुर्गा (44 वर्ष) और बिंदु (42 वर्ष) ने हिन्दूवादी संगठनों की तमाम धमकियों की परवाह न करते हुए बुधवार तड़के भगवान अयप्पा के सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा तोड़ दी।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। राज्य के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने हड़ताल के दौरान हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।