निलक्कल (केरल)। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले बुधवार सुबह पंबा की ओर जाने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं और तांत्रि परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर को पुलिस के रोके जाने के बाद निलक्कल में तनाव फैल गया। इस बीच, खबर है कि उग्र भीड़ महिलाओं और मीडिया को निशाना बनाया। हमले में कुछ के घायल होने की खबर है। वहीं 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
राहुल ईश्वर अपनी 90 वर्षीय दादी और सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ आधार शिविर से प्रात: 04:15 बजे पवित्र पर्वत की ओर बढ़ रहे थे तभी निलक्कल में पुलिस ने उनको रोक दिया, जिसके बाद श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
पुलिस ने बुधवार सुबह सड़क को बाधित करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और सबरीमाला जाने वाले वाहनों की जांच संचालित की। विश्व प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के सर्वोच्च न्यायलय के फैसले का विरोध करने वाले सबरीमाला कर्मा समिति और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा बनाए गए शिविरों को पुलिस ने हटा दिया है।
निलक्कल और पंबा सहित विभिन्न जगहों पर सैकड़ों महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमित कांत और रेंज महानिरीक्षक मनोज अब्राहम स्थिति पर नजरें बनाए हुए हैं।
दूसरी ओर, मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कुछ श्रद्धालु धरना दे रहे हैं और अयप्पा मंत्र का जाप कर रहे हैं।
बुधवार तड़के जब प्रदर्शनकारियों ने मंदिर तक जाने के मुख्य रास्ते पर बसों को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही वहां बेहद कम संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी भाग निकले।
मासिक पूजा के लिए मंदिर खुलने से कुछ घंटे पुलिस ने कहा कि वह किसी को भी लोगों के आने-जाने में अवरोध पैदा नहीं करने देगी।
निलक्कल का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेते हुए पुलिस ने अयप्पा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते में अवरोध पैदा करने वालों को चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारियों में कुछ ने पम्बा जाने वाले वाहनों को जांचा और उनमें सवार 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर जाने से रोक दिया, इस पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की।
सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं ने सोमवार की रात तमिलनाडु से पम्बा जा रहे 45 और 40 वर्ष आयु के दंपति को केएसआरटीसी के बस से कथित रूप से उतरने को बाध्य कर दिया था।
हालांकि दंपति का कहना है कि वे सिर्फ पम्बा तक जाएंगे और सबरीमाला पहाड़ी पर नहीं चढ़ेंगे। बाद में पुलिस उन्हें सुरक्षित ले गई।
निलक्कल में मौजूद सबरीमाला आचार संरक्षण समिति के कुछ कार्यकर्ताओं ने मीडियाकर्मियों को भी कथित रूप से उनका काम करने से रोका था। हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के बाद सभी मीडियाकर्मी निलक्कल लौट आए हैं।
भगवान अयप्पा स्वामी मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल पर महिला पुलिसकर्मियों सहित करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
इस बीच पम्बा में श्रद्धालुओं के एक अन्य समूह ने गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जताया। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर के दरवाजे पहली बार बुधवार की शाम खुलने वाले हैं। पांच दिन की मासिक पूजा के बाद यह 22 अक्टूबर को फिर बंद हो जाएंगे। (Photo courtesy: ANI)