sahara refund : सहारा समूह में फंसा निवेशकों का पैसा अब उन्हें वापस मिलने लगा है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को दावा राशि हस्तांतरित की।
केंद्रीय मंत्री शाह ने 112 लाभार्थियों को 10-10 हजार रुपए की पहली किस्त हस्तांतरित कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अब तक 18 लाख लोगों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने 18 जुलाई को सहारा रिफंड पोर्टल को लांच किया था। उस समय दावा किया गया था कि निवेशकों को 45 दिनों में पैसा रिफंड मिल जाएगा। हालांकि रिफंड के लिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिंग सोसायटियों के निवेशक ही आवेदन कर सकेंगे।
10 करोड़ निवेशकों का पैसा : सहारा में करीब 10 करोड़ निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर भारत खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों का पैसा फंसा हुआ है। सहारा ने एजेंटों के माध्यम से लोगों से निवेश करवाया था और बदले में उन्हें अच्छा रिफंड देने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि अवधि पूरी होने के बाद भी लोगों को पैसा नहीं मिला तो लोग गुस्से में आ गए थे। फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को पैसा लौटाने के आदेश दिए थे।
क्या करना होगा : पोर्टल लांच करते हुए शाह ने कहा था कि बहुत से निवेशक ऐसे हैं जो ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं आ सकते, लेकिन रिफंड के लिए यह प्रक्रिया जरूरी है। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में फिजीकली भुगतान संभव नहीं है। शुरुआत में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का रिफंड मिलेगा और बाद में उन लोगों के लिए राशि बढ़ाई जाएगी जिन्होंने अधिक निवेश किया है।
इसके लिए दो बातें जरूरी हैं- मोबाइल के साथ आधार पंजीकरण और उस बैंक खाते से आधार को जोड़ना, जिसमें रिफंड जमा करना है। पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे।
निवेशकों को रिफंड के लिए अपनी रिसिप्ट ऑनलाइन भेजकर एक फॉर्म डाउनलोड करना होगा, फिर उसे पुन: पोर्टल पर अपलोड करना है। इसके बाद 45 दिन के भीतर उसे भुगतान प्राप्त हो जाएगा। इसके साथ ही रिफंड पोर्टल पर निवेशक भुगतान से संबंधित अन्य जानकारियां हासिल कर सकते हैं।