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‘साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार’ की घोषणा, हिंदी के लिए दया प्रकाश सिन्हा और अंग्रेजी के लिए नमिता गोखले को दिया जाएगा सम्‍मान

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, गुरुवार, 30 दिसंबर 2021 (17:39 IST)
साहित्य अकादेमी ने गुरुवार को 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2021 की घोषणा की है। इस वर्ष हिंदी साहित्य के लिए वरिष्ठ लेखक दया प्रकाश सिन्हा और अंग्रेजी के लिए नमिता गोखले को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है।

साहित्य अकादमी पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं के निर्णायक समितियों द्वारा की गई थी। अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कम्बार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में गुरुवार को इन्हें अनुमोदित किया गया।

डॉ. चंद्रशेखर कम्बार ने बताया कि साहित्य अकादमी पुरस्कारों के चयनित रचनाओं में सात कविता संग्रह, पांच कहानी संग्रह, दो उपन्यास, दो नाटक, एक जीवन चरित्र, एक आत्मकथा, एक महाकाव्य और एक आलोचना की पुस्तक शामिल है। साहित्य अकादमी पुरस्कार 1 जनवरी, 2015 से 31 दिसंबर, 2019 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है। पुरस्कार में एक लाख रुपये की नकद राशि, ताम्रफलक, शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

हिंदी साहित्य में साहित्य अकादमी सम्मान के लिए वरिष्ठ लेखक और नाटककार दया प्रकाश सिन्हा को प्रदा किया जाएगा। उनके नाटक ‘सम्राट अशोक’ को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। दया प्रकाश सिन्हा का जन्म 2 मई, 1935 का उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुआ था। वे अवकाशप्राप्त आईएएस अधिकारी होने के साथ-साथ हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक, नाटककार, नाट्यकर्मी, निर्देशक व चर्चित इतिहासकार हैं।

दया प्रकाश सिन्हा विभिन्न राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं में रहे। साहित्य कला परिषद, दिल्ली प्रशासन के सचिव, भारतीय उच्चायुक्त, फिजी के प्रथम सांस्कृतिक सचिव, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी व ललित कला अकादमी के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक जैसे अनेकानेक उच्च पदों पर रहने के पश्चात सन 1993 में भोपाल स्थित भारत भवन के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए।

कला और साहित्य में योगदान के लिए दया प्रकाश सिन्हा को संगीत नाटक अकादमी के “अकादमी अवार्ड”, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के “लोहिया सम्मान” और हिन्दी अकादमी, दिल्ली के “साहित्यकार सम्मान” से अलंकृत किया जा चुका है।

अंग्रेजी साहित्य के लिए नमिता गोखले का चयन
नमिता गोखले प्रसिद्ध लेखिका, संपादक और प्रकाशक हैं। उनका पहला उपन्यास पारो: ड्रीम्स ऑफ पैशन वर्ष 1984 में प्रकाशित हुआ था। उन्होंने दूरदर्शन के शो किताबनामा: बुक्स एंड बियॉन्ड  की मेजबानी की। नमिता गोखले साहित्य जगत के प्रतिष्ठित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की संस्थापक और सह-निदेशक हैं।

साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी साहित्य के अकादमी पुरस्कार के लिए नमिता गोखला का उपन्यास ‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’ (Things to Leave Behind) को चुना है।

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