Can't Hurt Me: Master Your Mind and Defy the Odds” by David Goggins
डेविड गोगिंस को दुनिया का सबसे मजबूत और फिट इंसान का खिताब हासिल है। कौन विश्वास करेगा कि नेवी सील, आर्मी रेंजर और एयर फ़ोर्स टैक्टिकल एयर कंट्रोलर जैसे कठिन प्रशिक्षण पूरा करने वाले इस शख्स के लिए बचपन एक बुरा सपना था।
रंगभेद, गरीबी, पूर्वाग्रह और शारीरिक शोषण ने उसे अवसाद और फिर अपराधी बनने की स्थिति में ला दिया था।
जानिए कैसे एक उदास, हताश और ओवरवेट युवक ने खुद को अमेरिकी सशस्त्र बलों के आइकन और अमेरिका के द फिटेस्ट (रियल) मैन के रूप में बदला। आत्म-अनुशासन, मानसिक दृढ़ता और कड़ी मेहनत से, गोगिंस ने खुद को दुनिया के शीर्ष एंड्युरेंस एथलीट में से एक में बदल दिया। डेविड ने इस चमत्कारिक बदलाव के अपने अनोखे अनुभव पर एक किताब भी लिखी है Can't Hurt Me: Master Your Mind and Defy the Odds” जो मोटिवेशनल और सेल्फ हेल्प जॉनर में बेस्ट सेलर रही है।
इस पुस्तक के मुख्य अंश हैं:
*मानसिक सीमाओं को बढ़ाया जा सकता है।
*दर्द और पीड़ा आपको अपनी पूरी मानवीय क्षमता तक पहुंचने में मदद करते हैं।
*हम जितना विश्वास करते हैं उससे कहीं अधिक सक्षम हैं।
*अनुशासन और दृढ़ता का अभ्यास करने से वह सब कुछ हासिल करने में मदद मिल सकती है जिसे हासिल करने की इच्छा रखते हैं।
डेविड गोगिंस का मानना है कि जीवन क्रूर है और जितनी जल्दी आप इसे स्वीकार करते हैं, उतनी ही जल्दी आप इसके लिए तैयारी कर सकते हैं। जीवन को देखने का सबसे अच्छा तरीका "बुलेटप्रूफ मानसिकता" है। डेविड कहते हैं कि जीवन में सफल होने के लिए, कष्टप्रद अनुभवों से निकलने के लिए हमें 'कोई मुझे चोट नहीं पहुंचा सकता" वाली मानसिकता अपनाना होगी।
इस किताब में उन्होंने विस्तार से जीवन के कटु अनुभवों से सबक लेने और निराशा को आशा में बदलने की प्रक्रिया को समझाया है। डेविड कहते हैं कि आज के समाज में, हम बेहद सुविधाजनक और सुखी जीवन जीने के खतरे में हैं जो इतना आरामदायक है कि हमें अपनी वास्तविक क्षमता का कभी एहसास नहीं होगा।
इस किताब में मानसिक सीमाओं को विस्तारित करने और अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास करने में मदद करने के लिए डेविड ने कुल 10 मिशन बताए हैं।
मिशन 1:अपनी सभी कठिनाइयों को लिख लें-
डेविड अपने निर्दयी पिता की कहानी बताते हैं और यह कि कैसे उसने जीवन में कई भावनात्मक आघात सहे। वे कहते हैं कि जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का विश्लेषण कर उन्हें दर्ज करें। सबसे पहले हमें इस कड़वी सच्चाई को स्वीकारना होगा तभी हम खुद को कठिनाई से बाहर निकलने के लिए खुद को प्रेरित कर सकते हैं।
मिशन 2: अपनी कमियों को ईमानदारी से स्वीकारें-
डेविड ने इस मिशन में बताया है कि कैसे उन्हें और उनकी मां को अपने निर्दयी और क्रूर पिता से बचने के घर से जाना पड़ा। वह कहते हैं कि हमारा दिमाग हमेशा कम से कम प्रतिरोध के रास्ते पर चलेगा और जब तक आप अपने दिमाग को अनुशासित करना नहीं सीखते, यह आपको हमेशा "जीवन में सुरक्षित और औसत" रखेगा। सफल होने के लिए स्वयं के साथ पूरी तरह से ईमानदार होना चाहिए और आप खुद को झूठ नहीं बोल सकते। कोई भी आत्म-सुधार खुद से पूर्ण ईमानदार बनने (brutal honesty) से शुरू होता है।
मिशन 3: वो सभी काम करें जो आपको असहज करते हैं-
डेविड बताते हैं कि मिलेट्री ट्रैनिंग के दौरान सिकल सेल रोग का पता चलने पर उनके सामने 2 विकल्प थे, चिकित्सा कारणों से कठिन सैन्य प्रशिक्षण से हट जाएं या सैनिक बनने के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध रहें। हर दर्द और भयानक कठिनाई के बाद जब वे सफल रहे तो उन्हें कम्फर्ट जोन से निकलने का फायदा समझ आया। वे कहते हैं कि कंफर्ट जोन से निकलने के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए जो आपको असहज करे और कुछ ऐसा जो आप हर दिन नहीं करना चाहते। छोटी शुरुआत करें, और धीरे-धीरे समय के साथ आप अपने दिमाग को शांत करते हैं और बुलेटप्रूफ मानसिकता का निर्माण करते हैं।
मिशन 4: कोई भी प्रतिस्पर्धी स्थिति और प्रतिद्वंद्वी चुनें और उन्हें उत्कृष्टता से हराएं-
डेविड इस बारे में बात करते हैं कि कैसे जीवन में सब कुछ एक माइंड गेम हो सकता है। असंभव सी लगने वाली स्थिति में ही आप हमेशा अपने भीतर और अधिक खोज सकते हैं और मानसिक सीमाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। जब हम सबसे खराब स्थिति में हों तो खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाना ही जीतने का आधार बनता है।
मिशन 5: कठिन चुनौतियों की कल्पना करें, सोचे कि आप इसे क्यों कर रहे हैं-
डेविड ने अनुसार नेवी सील प्रशिक्षण यह दिखाने के बारे में है कि आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक संभाल सकते हैं। इससे मजबूत मानसिकता आती है। उनका कहना है कि एक शांत दिमाग आपको जीवन के सबसे कठिन क्षणों और चुनौतियों से पार पाने में मदद कर सकता है। यह याद रखना कि आपने जो जीत लिया है वह आपके दिमाग में नकारात्मक विचार लूप को बायपास करने में मदद कर सकता है, जब आप हार मानने से इनकार करते हैं, तो आप सहानुभूति तंत्रिका तंत्र को संलग्न करते हैं। अपने दिमाग को शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है कि जब आप सबसे ज्यादा छोड़ना चाहते हैं तो पाने के लिए सबसे बेहतर प्रयास करें।
विज़ुअलाइज़ेशन की कला का फायदा लें। सामने आने वाली कठिन चुनौतियों की कल्पना करना भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसे क्यों कर रहे हैं, और उन अंधेरे क्षणों में आपको क्या प्रेरणा देगा।
मिशन 6: उपलब्धियों को अपनी प्रेरणा के लिए उपयोग करें-
डेविड उपलब्धियों से प्रेरित होने के लिए "कुकी जार" की अपनी अवधारणा के बारे में बताते हैं। इस जार में अपनी सारी उपलब्धियों को एकत्रित करें और याद करें कि हर उपलब्धि के पीछे, उसके ईनाम पाने की प्रक्रिया में कितना दर्द है। दर्द इस बात की याद दिलाता था कि जब हमने ऐसा किया था, और जब हम खुद को साबित कर रहे थे तो कैसे संकल्प और मानसिक दृढ़ता के सहारे जीत हासिल की थी। यह आपके दिमाग और आपकी सहनशक्ति को को मजबूत बनाएगा।
डेविड कहते हैं कि अपनी जिंदगी के सबसे दर्दनाक समय में मैंने सबसे ज्यादा खूबसूरती देखी। तो भविष्य में किसी भी कठिन समय में, जब प्रेरणा और शक्ति की आवश्यकता हो, तो आप कुकी जार खोल सकते हैं और अपने आप को पिछली सभी सफलताओं की याद दिला सकते हैं। कुकी जार का उद्देश्य आपको अपने बारे में अच्छा महसूस कराना नहीं है, यह आपको याद दिलाना है कि पिछली जीत के आधार पर कुछ भी असंभव नहीं है।
मिशन 7: अपने दिमाग से अवरोधों को हटा दें, लगातार विकास की दिशा में सोचें-
डेविड ने हमें इस अवधारणा से परिचित कराया कि हमारे दिमाग में एक "गवर्नर" (नियंत्रक) है। उन्होंने इसे 40% नियम से समझाया है जो बताता है कि जब हममें से अधिकांश को लगता है कि हम अपनी सीमा को पार कर रहे हैं, तब भी हमारे 60% क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर रहे होते हैं। दिमाग से नियंत्रण या अवरोध को हटाने का एकमात्र तरीका दर्द को गले लगाना और बेचैनी से खुद को परे धकेल मानसिक सीमाओं को पार करना। वह बताते हैं कि जब तक हम अपने दिमाग से गवर्नर हटा नहीं देते, तब तक हम अपनी वास्तविक क्षमता से हमेशा कम रहेंगे।
मिशन 8: जीवन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें-
ज्यादातर लोगों में सफल लोगों की गलत छवि होती है। वे सोचते हैं कि अधिकांश सफल लोग उनके अनुमान से वे अधिक काबिल या योग्य हैं। डेविड ने एक कहानी सुनाई कि जब वे विख्यात बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन से मिले तब उन्हें पता चला कि माइकल भी दरअसल सिर्फ एक और इंसान ही हैं। डेविड ने सामान्य नेवी सील बनने के बजाए बेहद कठिन अल्ट्रा-मैराथन (दुर्गम इलाके के साथ 100+ मील की दौड़) चैलेंज अपनाया और अपनी क्षमता से अधिक करने के लक्ष्य को हासिल किया। उनका कहना है कि अपने जीवन में बेहतर और अधिक हासिल करने के लिए 'गो एक्स्ट्रा माइल' का सिद्धांत अपनाना चाहिए, हमें हर दिन अपनी क्षमता से अधिक से अधिक प्राप्त करने के लिए खुद को प्रोत्साहित करना होगा।
मिशन 9: बेहतर बनने के लिए निरंतर प्रयास करते रहिए-
डेविड ने अतिरिक्त चुनौतियों का पीछा करने और आर्मी रेंजर स्कूल में भर्ती होने का फैसला किया। उन्होंने अपनी पूरी क्षमता से जीने की निरंतर खोज में जीवन जीने का फैसला किया। डेविड कहते हैं कि साधारण लोगों के बीच अलग दिखना और छोटे तालाब में बड़ी मछली बनना आसान है। लेकिन जब आप भेड़िये होते हैं, भेड़ियों से घिरे होते हैं तो यह और भी कठिन होता है।" वह लोगों को प्रोत्साहित करते हैं कि आप अपने दैनिक जीवन में जिस आत्मसंतुष्टि का अनुभव करते हैं उसे खत्म कर दें और हर तरह से स्वयं को चुनौती देना जारी रखें। हमें जानना होगा कि हम अकेले खड़े हैं, यह हमें बेहतर होने के लिए निरंतर चुनौती देगा जिससे आपका दिमाग को और भी मजबूत और भावनाओं पर काबू पाने में मदद करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करेगा।
मिशन 10: अपनी असफलताओं को लिखें, उनसे सीखें और फिर से आगे बढ़ें-
डेविड 24 घंटे के पुल-अप वर्ल्ड-रिकॉर्ड को तोड़ने के पहले प्रयास में असफल रहा, लेकिन वह अपने दूसरे प्रयास में अधिक संकल्पित होकर वापस आया और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड को तोड़ नया रिकॉर्ड बनाया। वह असफल रहा, उसने सीखा, और वह अपने लक्ष्य तक पहुंच गया। डेविड की यह किताब हमें अपने जीवन में मानसिक सीमाओं को आगे बढ़ाने के अद्भुत संकल्प की सच्ची कहानी बताती है।
यह किताब हमें सभी चुनौतियों और प्रतिकूलताओं के बीच निरंतर बने रहने के लिए प्रेरित करती है। सफलता पाने के लिए हमारी मानसिक सीमाओं को आगे बढ़ाने और वास्तविक क्षमता का एहसास करने में मदद करने के लिए यह एक शानदार किताब है जो आपकी लायब्रेरी में होना ही चाहिए।