जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर की स्थानीय अदालत में शुक्रवार को फिल्म अभिनेता सलमान खान की जमानत याचिका पर बहस पूरी होने के बाद फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित कर दिया गया। इससे एक बात तय हो गई है कि सलमान को शुक्रवार की रात भी जेल में ही गुजारनी पड़ेगी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार जोशी की अदालत में सलमान खान को मिली सजा पर दाखिल जमानत याचिका पर बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं हस्तीमल सारस्वत ओैर महेश बोडा ने साक्ष्य के कमजोर होने और उनके मुवक्किल के अच्छे चरित्र का होने की दलील देते हुए उन्हें जमानत देने की पैरवी की।
वहीं लोक अभियोजक पोकरराम विश्नोई ने सलमान खान को जमानत देने का विरोध किया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए फैसले को उद्धृत करते हुए कहा कि मुवक्किल के काफी अनुयायी हैं और ऐसे में उनके द्वारा किए जाने वाले गलत कार्यों के बावजूद उन्हें राहत दी जाती है तो इसका आम लोगों पर गलत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुवक्किल द्वारा किया गया कृत्य रहम के काबिल नहीं है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकरण का साक्ष्य मजबूत है और फैसले में जल्दबाजी नहीं की जा सकती। उन्होंने यह कहते हुए जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया। सलमान की जमानत याचिका की पैरवी करने के लिए उनके अधिवक्ता आज सवेरे दस बजे ही अदालत पहुंच गए थे। सलमान की दोनों बहनें भी अदालत में मौजूद थीं।
सलमान खान के वकील महेश बोडा ने मीडिया को बताया कि उन्हें कल रात से पैरवी करने पर जान से मार डालने की धमकी दी जा रही है पर वह ऐसी घमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि दो दशक पूर्व एक फिल्म की शूटिंग के दौरान काले हिरणों को मारने के मामले में जोधपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने सलमान खान को पांच साल की सजा और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इस मामले में उनके सह-आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और स्थानीय दुष्यंतसिंह को बरी कर दिया था। (एजेंसी/वेबदुनिया)