Sanjay singh on hindenburg report : हिंडनबर्ग द्वारा अडाणी और सेबी प्रमुख माधवी बुच के बीच कनेक्शन उजागर करने वाली रिपोर्ट पर देश में बवाल मच गया। माधवी ने हिंडनबर्ग के अरोपों को बेबुनियाद बताया। इस बीच आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि हिंडनबर्ग खुलासे की भनक सरकार को लग गई थी इसलिए संसद सत्र 3 दिन पहले समाप्त कर दिया गया।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी है। अपने दोस्त अडानी को बचाने के लिए पीएम मोदी ने उसी SEBI अध्यक्ष से जांच कराई, जिसने घोटाला किया।
संजय सिंह ने दावा किया कि अडाणी के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए मुझे मोदी सरकार ने जेल भेजा था। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट में बताया गया था कि गौतम अदाणी ने Money laundering करके हजारों करोड़ रुपए मॉरीशस में फर्जी कंपनियां बनाकर लगाए। इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए अडाणी ने भारत में अपनी कंपनियों के शेयर को ओवरवेल्यू किया गया। वहीं जब इसकी पोल खुली तो देश के करोड़ों आम आदमी का 8 लाख 50 हजार करोड़ डूब गया। यह पैसा अडाणी का नहीं बल्कि देश के आम लोगों का था।
आप नेता ने कहा कि Hindenburg की पिछली रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच का आदेश दिया। सेबी ने मई 2023 में कोर्ट को बताया, यह एक दिशाहीन जांच है। हुजूर गड़बड़ी तो हुई है लेकिन यह नहीं बता सकते कि यह गड़बड़ी किसने की है। SEBI और उसके अध्यक्ष ने कोर्ट में यह क्यों बोला, इसका खुलासा Hindenburg की नई रिपोर्ट में हुआ है।
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उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि SEBI की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 मिलियन डॉलर अडाणी की उन्हीं कंपनियों में लगाए हैं, जिसकी सेबी को जांच करनी थी।
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग का आरोप कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।