लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई से सभी सरकारी स्कूलों को खोला जा रहा है। हालांकि, स्कूलों में अभी छात्र नहीं आएंगे, सिर्फ शिक्षकों व कर्मचारियों को ही स्कूल आने की अनुमति होगी। दरअसल, स्कूलों में प्रशासिक कार्य होंगे, लेकिन शैक्षणिक गतिविधियां बंग रहेंगी। वहीं छात्रों को ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक 1.5 लाख सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोला जा रहा है। मिड-डे-मील के खाद्यान वितरण, परिवर्तन लागत के भुगतान, पाठ्य पुस्तक वितरण सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए एक जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में उपस्थित होना होगा। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतय पालन करना होगा।
ये काम करने होंगे
- कन्वर्जन कॉस्ट शत प्रतिशत लाभार्थियों के खाते में भेजना होगा।
- खाद्यान्न वितरण एवं कन्वर्जन कास्ट का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- विद्यालय परिसर में विशेषकर रसोईघर, कक्षा कक्षों के अंदर एवं छतों की साफ-सफाई।
- टाइम एंड मोशन स्टडी के शासनादेश के अनुरूप विद्यालय पंजिकाओं की व्यवस्था।
- 6 से 11 आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करने के बाद उनका नामांकन।
- बालिकाओं का शत-प्रतिशत नामांकन कराना।
- कायाकल्प से असंतृप्त बिंदु जो कि ग्राम पंचायत स्तर से पूर्ण किए जाने हैं, प्रधानों/ सचिव से संपर्क कर पूर्ण कराना।
- कंपोजिट ग्रांट मद से कायाकल्प संबंधी अपूर्ण रह गए कार्य पूर्ण करना।
- ई-पाठशाला का चतुर्थ चरण जारी है, 10 प्रेरणा साथी का चयन किया जाना है।
- रेडियो, दूरदर्शन एवं व्हाट्सएप के माध्यम से जो कार्यक्रम प्रेषित किये जा रहे है उन्हें बच्चों तक पहुंचाना।
- समस्त विद्यालयों में 20-20 वृक्ष लगाना।