SEBI amended rules to regulate finfluencers : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गैर-पंजीकृत 'फिनफ्लूएंसर' को विनियमित करने के लिए मानदंडों में संशोधन किया है। ऐसे व्यक्तियों से जुड़े संभावित जोखिम के बारे में बढ़ती चिंताओं के देखते हुए ऐसा किया गया है। इंटरनेट मीडिया पर वित्तीय जानकारी देने वालों को फिनफ्लूएंसर कहा जाता है।
नियामक ने 3 अलग-अलग अधिसूचनाओं में अपनी विनियमित इकाइयों और गैर-पंजीकृत व्यक्तियों के बीच संबंधों पर 'अंकुश' लगाया है। सेबी के निदेशक मंडल ने पिछले महीने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अधिसूचनाओं के अनुसार सेबी द्वारा विनियमित व्यक्ति और ऐसे व्यक्तियों के एजेंट का ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क नहीं होगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह देता है या प्रतिफल का स्पष्ट दावा करता है।
नियामक ने कहा कि बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित कोई भी व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति का एजेंट किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं रखेगा, जो किसी प्रतिभूति या प्रतिभूतियों के संबंध में या उससे संबंधित प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह या कोई सिफारिश देता हो और वह व्यक्ति बोर्ड के साथ पंजीकृत न हो या उसे बोर्ड ने ऐसी सलाह या सिफारिश देने की अनुमति न दी गई हो।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि फिनफ्लूएंसर को सेबी के साथ पंजीकृत करने और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता के चलते नियामक इस क्षेत्र में जवाबदेही और विशेषज्ञता के लिए एक मानक स्थापित कर रहा है। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि म्यूचुअल फंड कंपनियां, शोध विश्लेषक, पंजीकृत निवेश सलाहकार और स्टॉक ब्रोकर फिनफ्लूएंसर के साथ साझेदारी न करें।
यह दिशानिर्देश अनियमित फिनफ्लूएंसर से जुड़े संभावित जोखिमों पर बढ़ती चिंता के बीच आया है, जो पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं। वे आमतौर पर कमीशन आधारित मॉडल पर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में फिनफ्लूएंसर ने अपने 'फॉलोअर्स' के वित्तीय निर्णयों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour