मुंबई। पद्मभूषण से सम्मानित अभिनेता शशि कपूर का सोमवार को मुंबई के कोकिला बेन अंबानी अस्पताल में 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
वर्ष 2014 में फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े 'दादा साहब फालके पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। 18 मार्च 1938 में कोलकाता में जन्मे शशि ने अभिनय के साथ ही कई फिल्मों का निर्देशन भी किया।
शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था। उन्हें प्यार से शशि भी कहा जाता है इसलिए वे शशि कपूर नाम से फिल्मों में आए। अपने भाइयों में वे सबसे छोटे हैं इसलिए उन्हें शशि बाबा भी कहा जाता था। उनके बड़े भाई शम्मी कपूर, शशि को शाशा पुकारते थे। बाल कलाकार कलाकार के रूप में शशि ने आग (1948), आवारा (1951) जैसी कुछ फिल्मों में काम किया
1961 में धर्मपुत्र से शशि ने अपना करियर शुरू किया। यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 'आचार्य चतुरसेन' नामक उपन्यास पर आधारित थी। इस फिल्म को 1961 में प्रेसिडेंट सिल्वर मेडल मिला। शशि ने जब बतौर हीरो अपना करियर शुरू किया तब उनके भाई राज कपूर और शम्मी कपूर अपने करियर के शीर्ष पर थे।
कहा जाता है कि लड़कियां और महिलाएं शशि की दीवानी थी। शशि कपूर को बड़ी सफलता मिली फिल्म 'जब जब फूल खिले' (1965) से। मधुर संगीत, रोमांटिक कहानी और शशि कपूर-नंदा की जोड़ी ने सभी का मन मोह लिया।
शोक संवेदना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री राजनाथसिंह, सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, कांग्रेस नेता शशि थरूर, क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग, प्रज्ञान ओझा शशि कपूर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा कि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के लिए सुप्रसिद्ध, अभिनेता शशि कपूर के निधन के बारे में जान कर बहुत दुख हुआ। सार्थक सिनेमा को उनका योगदान और भारतीय रंगमंच को शक्ति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा याद की जाएगी।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मशहूर अभिनेता शशि कपूर नहीं रहे यह जानकर काफी दुख पहुंचा। उन्हें अनेक फिल्मों में यादगार भूमिका के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वह दिवंगत अभिनेता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शशि कपूर एक सदाबहार अभिनेता थे और उनकी फिल्मों में इसकी झलक देखी जा सकती है। उनके अभिनय की छाप पीढ़ियों तक दिखाई देगी। उनके निधन से दुख हुआ। शोक संतप्त परिजनों को संवदेनाएं।
पृथ्वी थिएटर : 1972 में पृथ्वीराज कपूर के निधन के बाद उनके पुत्र शशि कपूर ने पत्नी जेनिफ़र के साथ मिलकर पृथ्वी थियेटर ट्रस्ट की स्थापना की। उन्होंने समुद्र तट पर जूहू में ज़मीन खरीदकर एक थिएटर भवन का निर्माण किया। इसमे 200 सीटें हैं। इसमें 1978 से हर साल लगभग 400 शो दिखाए जाते हैं और 50 से भी अधिक थिएटर ग्रुप इसमें सक्रिय हैं। पृथ्वीराज कपूर की पोती और शशि कपूर और जेनिफ़र की बेटी संजना कपूर पृथ्वी थिएटर की निदेशक हैं।