मुख्य बिंदु
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शशि थरूर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह
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अनुपस्थित अधिकारियों पर हो कार्रवाई
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पेगासस जासूसी मामला
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया है कि समिति की बैठक में शामिल होने से 'आखिरी मिनट में इंकार करने वाले' अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, क्योंकि यह 'सदन की अवमानना' का मामला बनता है।
पेगासस जासूसी मामले समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार को समिति की बैठक होनी थी, बहरहाल भाजपा सांसदों के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं करने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। समिति ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और संचार मंत्रालय (दूरसंचार विभाग) के अधिकारियों को 'नागरिकों के आंकड़ों की सुरक्षा और निजता' विषय पर सवाल-जवाब के लिए तलब किया था।
थरूर ने बिरला को लिखे पत्र में कहा कि समिति से ठीक पहले उन्हें सचिवालय की समिति संबंधी शाखा से सूचना मिली कि तीनों मंत्रालयों/विभागों की ओर से 28 जुलाई की दोपहर ई-मेल आया था कि उनके प्रतिनिधि समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकेंगे। कांग्रेस नेता के अनुसार गृह मंत्रालय ने 28 जुलाई को दिन में 2.33 बजे, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2.44 बजे और दूरसंचार विभाग ने 2.52 बजे मेल भेजा।
थरूर ने उस दिन के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने समिति के समक्ष अपने प्रतिनिधि के उपस्थित होने से छूट की मांग करते हुए कहा था कि निजी डेटा सुरक्षा विधेयक, 2019 संबंधी संयुक्त समिति प्रमुख ने दिन में 3.45 बजे मंत्रालय के सचिव एवं दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक करने की इच्छा प्रकट की है।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग ने भी संसद संबंधी कार्यों का हवाला देते हुए समिति के समक्ष अपने प्रतिनिधियों को भेजने में असमर्थता जताई। थरूर ने कहा कि आखिरी मिनट में समिति के समक्ष उपस्थित होने से इंकार करना संसदीय विशेषाधिकार का हनन और सदन की अवमानना है। इसके अलावा इससे संसदीय समिति की शक्ति को कमतर किया है। उन्होंने आग्रह किया कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लें और नियमों के तहत उचित कार्रवाई करें। (भाषा)