मुंबई। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे के समर्थन के बाद अब शिवसेना ने भी अपने समर्थन के साथ ही अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। शिवसेना ने शनिवार को कहा कि देश के मुस्लिम घुसपैठियों को भारत से बाहर निकाला जाना चाहिए। वहीं राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व का मुद्दा लेकर चलना बच्चों का खेल नहीं है।
शिवसेना ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि एक पार्टी ने इस मुद्दे के लिए अपना झंडा बदल लिया।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने कहा कि राज ठाकरे ने 14 साल पहले मराठी मुद्दों पर पार्टी बनाई लेकिन अब वह हिंदुत्व की ओर मुड़ रहे हैं, लेकिन बाला साहेब और सावरकर के हिंदुत्व को निभाना बच्चों का खेल नहीं है।
शिवसेना ने कहा, फिर भी हम बड़े दिलवाले हैं और हिंदुत्ववादी रुख अपनाने वाले लोगों का स्वागत करते हैं। हालांकि यह विचारधारा उधार की है, लेकिन यह हिंदुत्ववादी है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि आप यह कर सकते हैं तो आगे बढ़ें।
शिवसेना ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जो काम 5 साल में नहीं किया वह महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने 50 दिन में कर दिखाया है। एमएनएस चीफ राज ठाकरे के इस बयान पर कि शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए अपना रंग बदल लिया, पार्टी ने कहा कि ऐसे बयान राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाते हैं।
शिवसेना ने कहा कि पार्टी ने मराठी के मुद्दे पर पहले ही काफी काम कर लिया है। अत: मनसे को मराठी लोगों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह आलोचना है कि राज ठाकरे हिंदुत्व की ओर चले गए, क्योंकि भाजपा ऐसा चाहती थी, लेकिन मनसे को इस मोर्चे पर भी कुछ नहीं मिलने की उम्मीद है।