वाराणसी। उत्तरप्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में विशाल शिवलिंग के मिलने का दावा हिन्दू पक्ष कर रहा है। सूत्रों की मानें तो इसकी पुष्टि करने के लिए पुरातत्व विभाग सबसे पहले शिवलिंग और मस्जिद के बाहर ज्ञानवापी मंडप के पास प्रतिष्ठित विशाल नंदी की दूरी नापने की तैयारी कर रहा है।
बताया जा रहा है कि शिवलिंग और नंदी की दूरी अब तय करेगा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावा कर रहे हिन्दू पक्ष की बात सही है या फिर फव्वारा होने की बात कह रहे मुस्लिम पक्ष का दावा सही है। जानकार बताते हैं कि अगर पुराने मंदिरों पर नजर डालें तो शिवलिंग और नंदी के बीच की दूरी 3, 5, 7, 9, 11 और 13 फुट के बीच ही रहती है और शिवलिंग और नंदी एक-दूसरे से 90 डिग्री के कोण पर होते हैं।
पुरातत्व विभाग के प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यदि न्यायालय आदेश-निर्देश देता है तो उस शिवलिंग की पुरातात्विक पड़ताल की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिवलिंग के सापेक्ष नंदी का एक निश्चित अनुपात में आकार होता है।
प्रो. अशोक सिंह ने कहा कि नंदी और शिवलिंग की दूरी के बाद अरघे की बनावट की पड़ताल होगी। यह देखा जाएगा कि अरघा ईंटों से बना है अथवा पत्थर का? ईंटों का अरघा हुआ तो उनकी बनावट के आधार पर काल का निर्धारण होगा। देखा जाएगा कि ईंटें कुषाणकालीन हैं अथवा शुंग कुषाणकाल की? वहीं यदि पत्थर का अरघा हुआ तो यह देखना होगा कि पत्थर किस प्रकार का है?