भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी की हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने हार की जिम्मेदारी खुद ली है। बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार न बनाने के लिए मैं जिम्मेदार हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब चौकन्नी रहे, अब करेंगे चौकीदारी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनता की कसौटी पर खरा उतर नही पाया हूं, इसलिए हार की पूरी जिम्मेदार पूरी मेरी है। उन्होंने कहा कि हमें स्पष्ट बहुमत नही मिला इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया और पीसीसी चीफ कमलनाथ को फोन पर बधाई दी है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब भाजपा जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे कांग्रेस से मांग करते हैं कि वह अपने वचन पत्र के कर्ज माफी के वादे को दस दिन में पूरा करें।
इससे पहले सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि 2003 से बीजेपी सरकार में आई, जहां उमा भारती और बाबूलाल गौर और फिर मैंने प्रदेश में सरकार चलाने का प्रयास किया और जनता के कल्याण का काम किया। जब सरकार हमने संभाली थी, तब प्रदेश में स्थिति चिंताजनक थी, लेकिन उसके बाद भी हमने प्रदेश का तेज गति के साथ सभी का विकास करने का प्रयास किया।
शिवराज ने कहा कि जानकर मैं कभी करता नहीं, यदि मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान मेरे काम, मेरे शब्दों या मेरे भाव से अंजाने में प्रदेशवासियों के मन को कष्ट हुआ हो तो मैं हृदय से क्षमाप्रार्थी हूँ। कार्यकर्ताओं के परिश्रम को प्रणाम व केन्द्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट करता हूं।
उन्होंने कहा कि 7.5 करोड़ मध्यप्रदेशवासी मेरे परिवार के सदस्य हैं। उनका सुख मेरा सुख व उनका दु:ख मेरा दु:ख है। मैंने पूर्ण क्षमता के साथ अपनी टीम के साथ मिलकर प्रदेश का विकास और जनता का कल्याण करने की कोशिश की है, किसी भी प्रकार की कसर कहीं नहीं छोड़ी।
शिवराज के अनुसार मेरा सौभाग्य है कि 13 साल मुझे मध्यप्रदेश व प्रदेशवासियों की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रदेशवासियों का असीम स्नेह सरकार और विशेष रूप से मुझे सदैव मिलता रहा। मैंने प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री बन कर नहीं बल्कि एक परिवार का सदस्य बन कर चलाने की कोशिश की।
हमने जनता के दर्द जो तकलीफ देखी उसको ही आधार बनाकर हमने लाड़ली लक्ष्मी, संबल जैसी योजनाएं बनाई प्रदेश में अधोसंरचना का विकास किया, वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस को भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है।
वोटिंग प्रतिशत में हमें कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि हमसे कुछ ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली हैं। हम संख्या में पिछड़े हैं, इसलिए हम जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं। हम पहले की तरह जनता की सेवा करते रहेंगे।