Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Pahalgam attack : नहीं सुना पाए इस्लाम की आयत तो पिता को किया गोलियों से छलनी, बदहवास बेटी ने बयां किया खौफनाक मंजर

आतंकवादियों ने 54 वर्षीय संतोष जगदाले को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा। जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियो ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Pahalgam attack

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 (23:50 IST)
Pahalgam attack : कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) शहर के पास हुए आतंकवादी हमले में दिल को झकझोर देने वाले दृश्य सामने आ रहे हैं। लोकप्रिय बैसरन में जब आतंकवादियों ने धावा बोला तो लोग डर के मारे तंबू के अंदर छिप गया। आतंकवादियों ने 54 वर्षीय संतोष जगदाले (Santosh Jagdale) को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा। जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियो ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया। उन्होंने जगदाले पर 3 बार गोली मारी, एक बार उनके सिर में, फिर कान के पीछे और फिर पीठ में गोली मारी।ALSO READ: पहलगाम हमले से पीएम मोदी व्यथित, कहा- जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को नहीं बख्शा जाएगा
 
संतोष जगदाले पुणे के एक व्यवसायी थे : संतोष जगदाले पुणे के एक व्यवसायी थे। उनकी 26 वर्षीय बेटी असावरी जगदाले ने पीटीआई-भाषा को आपबीती सुनाई। जगदाले की बेटी ने कहा कि पिता के जमीन पर गिर जाने के बाद, बंदूकधारियों ने मेरे बगल में चाचा पर हमला किया और उनकी पीठ में कई गोलियां बरसाईं। असावरी जगदाले ने इस हमले के 5 घंटे बाद पीटीआई-भाषा को टेलीफोन पर बताया कि हम 5 लोगों का समूह थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। जब गोलीबारी शुरू हुई तब हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी एवं मिनी स्विटजरलैंड नामक जगह पर थे।ALSO READ: Pahalgam attack : UP के सीमेंट कारोबारी की पहलगाम आतंकी हमले में मौत, 2 महीने पहले ही हुई थी शादी
 
आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत : कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट मिनी स्विटरलैंड नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। असावरी को नहीं पता कि उनके पिता और चाचा जिंदा हैं भी या उनकी मौत हो चुकी है। असावरी, उनकी मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार किसी तरह बच गईं तथा स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों ने उन्हें पहलगाम क्लब पहुंचाया।
 
असावरी (26) पुणे में मानव संसाधन पेशेवर हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार इस खूबसूरत जगह पर छुट्टियां मनाने के लिए गया था। उन्होंने पास की पहाड़ी से उतर रहे लोगों द्वारा की जा रही गोलीबारी की आवाज सुनी। असावरी ने बताया कि गोलीबारी करने वाले लोगों ने स्थानीय पुलिस के जैसे कपड़े पहने हुए थे।ALSO READ: Pahalgam attack: पुलवामा हमले से भी भयावह है पहलगाम का हमला, 27 लोगों की मौत
 
असावरी ने कहा कि हम तुरंत सुरक्षा के लिए पास के एक तंबू में जाकर छिप गए। 6-7 अन्य (पर्यटक) भी वहां पहुंच गए। हम सभी गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए। हमें तब यह लगा कि शायद आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों का समूह पहले पास के एक तंबू के पास आया और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। असावरी ने बताया कि इसके बाद वे हमारे तंबू में आए और उन्होंने मेरे पिता को बाहर आने के लिए कहा।ALSO READ: Pahalgam attack : आतंक पर बड़े एक्शन की तैयारी, सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर आज ही भारत लौटेंगे PM मोदी
 
असावरी ने बताया कि आतंकवादियों ने कहा कि चौधरी तू बाहर आ जा। उन्होंने बताया कि इसके बाद आतंकवादियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया। इसके बाद आतंकवादियों ने उनके सामने इस बात से इनकार किया कि कश्मीरी आतंकवादी निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों की हत्या करते हैं।
 
असावरी ने बताया कि फिर उन्होंने मेरे पिता से इस्लाम की एक आयत (संभवत: कलमा) सुनाने के लिए कहा। जब वह नहीं सुना पाए तो उन्होंने मेरे पिता पर 3 गोलियां चला दीं। उन्होंने मेरे पिता के सिर पर, कान के पीछे और पीठ में गोली मारी। उन्होंने बताया कि मेरे चाचा मेरे बगल में थे। आतंकवादियों ने उन पर 4 से 5 गोलियां चलाईं। असावरी ने बताया कि आतंकवादियों ने मौके पर मौजूद कई अन्य पुरुषों पर भी गोलियां बरसाईं। मदद के लिए कोई नहीं था। कोई पुलिस या सेना नहीं थी।ALSO READ: Pahalgam attack : आतंकियों ने धर्म पूछा और मार दी गोली, नवविवाहिता पत्नी के नहीं थम रहे आंसू
 
पुलिस और सेना घटना के 20 मिनट बाद मौके पर पहुंची। यहां तक ​​कि स्थानीय लोग भी इस्लामी आयत पढ़ रहे थे। असावरी ने कहा कि जो लोग हमें टट्टुओं पर लेकर आए थे उन्होंने मेरी, मेरी मां समेत 3 महिलाओं की मदद की। इसके बाद हमारा मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर हमें पहलगाम क्लब में स्थानांतरित कर दिया गया। असावरी ने बताया कि अपराह्न करीब 3.30 बजे गोलीबारी शुरू। 5 घंटे हो गए हैं और मेरे पिता और चाचा के स्वास्थ्य के बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं मिली है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Pahalgam attack : आतंक पर बड़े एक्शन की तैयारी, सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर आज ही भारत लौटेंगे PM मोदी