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Weather Update: लगातार बारिश से कोटा संभाग में हालात बिगड़े, झालावाड़ व धौलपुर में सेना तैनात

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, बुधवार, 24 अगस्त 2022 (08:30 IST)
कोटा/जयपुर। राजस्थान में लगातार बारिश के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से कोटा संभाग के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं जबकि झालावाड़ और धौलपुर जिले में बचाव कार्यों के लिए सेना को बुलाया गया है। पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के कारण बारां और बूंदी जिलों में बाढ़ में 2 लोग बह गए और 2 अन्य लापता हो गए।

उन्होंने बताया कि इन जिलों में लगभग 1100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बारां और झालावाड़ जिले में बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में लगाया गया है। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने मंगलवार को करौली जिले में हालात का जायजा लिया। मीणा ने प्रमुख शासन सचिव से वार्ता की और उन्हें बाढ़ के हालात से अवगत कराया।
 
मंत्री ने ट्वीट में बताया कि कई गांव टापू बने हुए है, उन्होंने वहां रह रहे ग्रामीणों को खाने-पीने की व्यवस्था के लिए आवश्यक निर्देश दिए। संभाग के 4 जिलों- कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं। आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के सचिव आशुतोष पेडनेकर ने बताया कि धौलपुर और झालावाड़ जिले में राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
 
उन्होंने कहा कि बारां और झालावाड़ में फंसे कुछ लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर मंगाया गया और कुल मिलाकर लगभग 1,100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारी ने बताया कि चंबल, परवन, पार्वती, कालीसिंध जैसी नदियों में बाढ़ आ गई है और बांधों से अतिरिक्त पानी उनके गेट खोलकर छोड़ा जा रहा है। लगातार बारिश, नदियों में उफान व अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी, धौलपुर, करौली के इलाकों में जलभराव हो गया है। झालावाड़, बारां और धौलपुर में हालात सबसे खराब है। इन जिलों के अलावा उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के कई इलाके भी जलभराव के कारण परेशानी का सामना कर रहे हैं।
 
बारां के जिला कलेक्टर नरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि छबड़ा थाना क्षेत्र के खुरई गांव में 2 दिन से फंसे से करीब 11 लोगों को मंगलवार को 'एयरलिफ्ट' कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व राज्‍य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने 3 स्थानों से 81 लोगों को बचाया है।
 
झालावाड़ में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा बचाव कार्य में सेना भी लगी हुई है। झालावाड़ की जिला कलेक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि 53 लोगों को नावों के जरिए बचाया गया है और 49 लोग अभी भी फंसे हुए हैं और राहत कार्य जारी है।
 
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि धौलपुर और करौली जिले में भी अनेक जगह जलभराव की समस्या है। उन्होंने बताया कि धौलपुर में बचाव व राहत कार्य में सेना को लगाया गया है और चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए करौली के कई गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
 
उन्होंने बताया कि खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है और प्रभावित जिलों के कई गांव ऐसे हैं, जो जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि नदियों के जलग्रहण क्षेत्र के पास के कुछ गांव द्वीपों में बदल गए हैं। भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि धौलपुर में प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। कोटा संभाग के सभी 4 जिलों- कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल मंगलवार को बंद रहे। बूंदी शहर में में नगर परिषद ने हालात को देखते हुए मंगलवार और बुधवार को होने वाले कजली तीज के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
 
इस बीच मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों के दौरान राज्‍य में सबसे अधिक बारिश झालावाड़ के डग में 29 सेंटीमीटर दर्ज की गई। इसके अलावा अरनोद (प्रतापगढ़) में 26 सेमी, पिड़ावा (झालावाड़) में 23 सेमी, बकानी (झालावाड़) में 23 सेमी, पचपहाड़ व गंगधार (झालावाड़) में 17-17 सेमी बारिश हुई। इस दौरान पूर्वी राजस्थान के कई अन्य इलाकों में 13 सेंटीमीटर तक बारिश हुई।
 
विभाग के अनुसार मंगलवार सुबह से शाम साढ़े 5.30 तक जैसलमेर में 20.2 मिलीमीटर, जालौर में 13.5 मिमी, डबोक (उदयपुर) में 13.4 मिमी, चित्तौड़गढ़ में 122 मिमी, अजमेर में 6.3 मिमी, बांसवाड़ा में 4.5 मिमी, जयपुर में 3.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने मंगलवार को बांसवाड़ा तथा डूंगरपुर जिलों में भारी से अति भारी बारिश और भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

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पूर्वी राजस्थान और उससे सटे उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश पर बना हुआ डिप्रेशन अब पूर्वी राजस्थान के ऊपर चला गया है और 23 अगस्त को 05:30 बजे, यह अक्षांश 24.8 डिग्री उत्तर और देशांतर 76.2 डिग्री पूर्व के करीब था। कोटा से लगभग 50 किमी दक्षिण-पूर्व, उदयपुर से 250 किमी पूर्वोत्तर-पूर्व और गुना से 110 किमी उत्तर-उत्तरपश्चिम में।
 
यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और जल्द ही एक गहरे कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर हो जाएगा। मानसून की ट्रफ रेखा दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर बने हुए कम दबाव के केंद्र से गुजरते हुए पूर्वी राजस्थान के ऊपर बने डिप्रेशन के केंद्र से होते हुए सीधी, डाल्टनगंज, दीघा और फिर पूर्व-दक्षिणपूर्वी दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है।
 
पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश, केरल और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। पूर्वी असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु के दक्षिणी तट, गंगीय पश्चिम बंगाल और आंतरिक ओडिशा में एक या 2 भारी बारिश हुई।
 
अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दक्षिण बिहार, दक्षिण पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या 2 स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत, ओडिशा के कुछ हिस्सों, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। शेष बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, विदर्भ, गुजरात, शेष राजस्थान, तेलंगाना, रायलसीमा और पंजाब और हरियाणा में एक या 2 स्थानों पर हल्की बारिश संभव है।(फ़ाइल चित्र)

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