बालासोर। भारत ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार को अंतरिक्ष की दुनिया में नई उड़ान भरी। इसरो ने स्काय रूट द्वारा निर्मित भारत के पहले रॉकेट विक्रम एस को लांच किया। इसी के साथ भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जहां निजी कंपनियां भी अपने रॉकेट लांच करती है।
विक्रम-एस ने साढ़े 11 बजे चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी।जानिए विक्रम एस से जुड़ी 10 खास बातें...
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स्टार्ट अप कंपनी स्काय रूट ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम एस का निर्माण किया।
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इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई की याद में विक्रम एस का नाम दिया गया है।
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विक्रम सिरीज में तीन प्रकार के रॉकेट लॉन्च किए जाने हैं, जिन्हें छोटे आकार के सैटेलाइट्स ले जाने के मुताबिक विकसित किया गया है।
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विक्रम-1 इस सिरीज़ का पहला रॉकेट है। बताया जाता है कि विक्रम-2 और 3 भारी वजन को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचा सकते हैं।
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स्काईरूट मई 2022 में रॉकेट का सफल परीक्षण हो चुका है। कंपनी ने अपने इस मिशन का नाम प्रारम्भ रखा है।
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विक्रम एस की लांचिंग 12 से 16 नवंबर के बीच होनी थी लेकिन खराब मौसम के कारण इसे 18 नवंबर को लॉन्च किया गया।
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विक्रम एस का वजन तकरीबन 546 किग्रा है।
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इस रॉकेट की लंबाई लगभग 8 मीटर है।
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यह दुनिया का पहला ऑल कंपोजिट रॉकेट है जिसमें थ्रीडी- प्रिटेंड सॉलिड थ्रस्टर्स लगे हैं।
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विक्रम एस पूरी तरह से कार्बन फाइबर से बना है।
Edited by : Nrapendra Gupta