जम्मू। जम्मू-कश्मीर में समय से पहले हुई बर्फबारी ने कई स्थानों पर तबाही मचाई है। एक खानाबदोश परिवार के तीन सदस्यों की मौत भी हो गई। मैदानी इलाकों में फसलें नष्ट हो गईं तो कश्मीर में सेबों के बाग ही उजड़ गए हैं। इतना जरूर था कि कश्मीर में आने वाले टूरिस्टों के लिए यह आनंद का समय था।
कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई मुसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया। दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में त्राल के नूरपोरा इलाके में लगातार हो रही बारिश की वजह से मिट्टी से बना एक मकान ढह गया। इस मकान में खानाबदोश परिवार रहता था। मलबे में दब जाने के कारण परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई।
हालांकि इस हादसे के बाद तुरंत चलाए गए बचाव अभियान में परिवार के एक सदस्य को बचा लिया गया परंतु उनकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। मरने वालों की पहचान इरशाद बरकद, महनाज अख्तर और वाहाब जान के रूप में हुई है। ये सभी जिला रियासी के रहने वाले थे।
जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन में हल्के भूस्खलन के बाद जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। वहीं शहर भी तालाबों में बदले नजर आ रहे थे जबकि यातायात पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया था।
बारिश की वजह से रामबन के कैफेटेरिया इलाके में हाईवे पर भूस्खलन होने की वजह से जम्मू-श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा पीर की गली में हो रही ताजा बर्फबारी के कारण पुंछ को कश्मीर से जोड़ने वाला मुगल रोड मार्ग भी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। मौसम साफ होने के बाद ही मलबे को हटाने का काम शुरू किया जाएगा।
वहीं मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों तक बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई है। इतना जरूर था कि कश्मीर में मौसम की पहली बर्फबारी पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में उत्साह लेकर आई है। घाटी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, अहरबल बर्फ की सफेद चादर से ढक गए हैं।
पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि बर्फबारी से यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम में अभी भी हल्की बर्फबारी हो रही है और यहां मौजूद पर्यटक बर्फ में खेलते नजर आ रहे हैं।