बागेश्वर। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की सुन्दरढूंगा घाटी में 5 ट्रैकरों की मौत और एक के लापता होने की सूचना है। बागेश्वर जिले में अभी भी 400 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं।
बागेश्वर की आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया है कि दस लोगों का एक दल सुन्दर ढुंगा ट्रेक के लिए गया था, जिसमे से 4 लोग वापस आए। उन्होंने सूचना दी है कि उनके साथ गए 5 पर्यटकों की मौत हो गई है जबकि एक गाइड लापता हो गया है। इस सूचना के बाद उनकी खोज के लिए खोजी दल हैलिकोप्टर से खोज जारी है।
सुन्दरढूंगा ग्लेशियर से जो लोग रेस्क्यू किए गए उन लोगों में तारा सिंह पुत्र दीवान सिंह, विनोद सिंह पुत्र प्रताप सिंह, सुरेश सिंह पुत्र प्रताप सिंह निवासी बाछम (जैकुनी) कैलाश सिंह पुत्र धाम सिंह बाछम (जातुली) है।
पिंडारी ट्रैकिंग रूट से 42 को सुरक्षित निकाला : पिंडारी ट्रैकिंग रूट पर द्वाली में फंसे 42 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। ये सभी लोग पिंडारी नदी का पुल बहने से पुल के उस पार फंस गए थे। इन लोगों में 6 विदेशी पर्यटक हैं।
कफनी घाटी में 23 लापता : बागेश्वर की कफनी घाटी में भी 23 लोग भी लापता बताए जा रहे हैं। इनके बारे में कहा जा रहा है कि ये स्थानीय पशुचारक हैं जो पशुओं को लेकर ऊंचाई वाले स्थानों पर गए थे और मौसम खराब होने से फंस गए। कफनी ग्लेशियर घाटी से 24 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
400 से ज्यादा पर्यटक अभी भी फंसे : यह भी बताया गया है कि बागेश्वर जिले में करीब 400 से ज्यादा पर्यटक अब भी फंसे हुए हैं। कुमाऊं मंडल के 5 पर्वतीय जिलों में 120 सड़कें अभी भी बंद हैं। पिथौरागढ़ में 75, चंपावत में 28, अल्मोड़ा में 12, नैनीताल में चार और बागेश्वर में एक मोटर मार्ग पर यातायात ठप पड़ा हुआ है। बंद सड़कों में भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं।
पहाड़ी जिलों बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में पेट्रोल खत्म होने की सूचना पम्पों पर चस्पा कर दी गई है। प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है। इसी तरह कुकिंग गैस, दूध आदि की आपूर्ति न होने से भी इन वस्तुओं के लिए भी मारामारी हो रही है।