देहरादून। उत्तराखंड की आपदा में मृतक संख्या बढ़कर 64 हो गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार 2 दर्जन के लगभग लोग घायल हैं जबकि अब आपदा के चलते किसी के लापता होने की बात कहीं से सामने नहीं आई है। दूसरी ओर उत्तरकाशी-हिमाचल बॉर्डर पर बुधवार को 8 ट्रैकर और 3 पोर्टर लापता हो गए थे। लापता हुए पर्यटकों में 1 दिल्ली और 7 कोलकाता के पर्यटक थे। इनमें से पर्यटकों को ढूंढने के लिए गई सेना और SDRF की टीम ने 5 लोगों के शवों को इस क्षेत्र में लॉकेट किया है। इसके बाद सभी शवों को रेस्क्यू करने के प्रयास तेज किए गए हैं। इस दल के साथ शामिल रहे एक ट्रैकर मिथुन को सुरक्षित निकालकर SDRF हिमाचल की ओर रवाना हो गई है।
यह दल 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था। उस दौरान इस दल में 17 सदस्य मौजूद थे। दल के लखमा पास पार करने के बाद टीम के 6 पोर्टर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए। लेकिन दल के बचे हुए 8 पर्यटक और 3 पोर्टर भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए थे। ट्रेकिंग टूर आयोजित करने वाली उत्तरकाशी की समिट हिमालय ट्रेक एंड टूर कंपनी ने इनके लापता होने की खबर बुधवार को प्रशासन को दी। इसी सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना की गई थी। खोज को गए SDRF के दल ने इस लापता दल के 5 सदस्यों के शवों को देखा और उत्तरकाशी जिला प्रशासन को सूचना दी। लापता लोगों में से एक पश्चिम बंगाल राज्य के मिथुन दारी नाम के पर्यटक को SDRF टीम रेस्क्यू कर हिमाचल की तरफ गई है।
इसी तरह की सूचना आज शुक्रवार को बागेश्वर जिले से भी आई है। बागेश्वर जिले के सुन्दरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस पास ट्रैक पर गए 4 पर्यटकों की मौत हो गई जबकि 2 लापता बताए जा रहे हैं। सुन्दरढूंगा से पर्यटकों के साथ पोर्टर के तौर पर गए सुरेंद्र सिंह ने यह सूचना बागेश्वर के जिला प्रशासन को दी है। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 1 घायल समेत 4 लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं। सूचना के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने पिंडारी की तरफ 2 टीमें रेस्क्यू करने के लिए भेज दी हैं। इसके अलावा भी पिंडर घाटी के द्वाली में 50 से अधिक पर्यटक और स्थानीय लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है। इनमें 10 विदेशी नागरिक भी हैं। बागेश्वर जिले के ही कफनी ग्लेशियर में ट्रैकिंग के लिए गए 20 पर्यटक भी अलग से लापता बताए जा रहे हैं। लापता पर्यटकों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
बागेश्वर जिले में कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि सुन्दरढूंगा की तरफ भी एसडीआरएफ की टीम रवाना हुई है। इसके अलावा मेडिकल टीम भी क्षेत्र में भेजी है। 17 से 20 अक्टूबर तक बारिश ने कुमाऊं मंडल में तांडव मचाया था। हिमालय संस्था के अध्यक्ष रमेश मुमुक्षु ने बताया कि पिंडर घाटी में वर्षा के कारण पिंडारी ट्रेक के द्वाली और फुरकिया में स्थानीय लोगों के अनुसार ग्रामीण भेड़ वाले और ट्रैकिंग पर गए 25 से अधिक लोग 18 तारीख से फंसे हुए है।
पिंडारी ग्लेशियर के बेसकैम्प खाती गांव में कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता। आपदा विभाग से जिला प्रशासन के माध्यम से वहां उपलब्ध कराया गया सैटेलाइट फोन खराब पड़ा है। बताया यह भी जा रहा है कि ट्रैकिंग पर गए पर्यटकों के पास भोजन का सीमित स्टॉक होने के कारण उनके सामने खाने की भी मुसीबत खड़ी हो सकती है। जल्द ढूंढकर उन्हें रेस्क्यू नहीं किया गया तो उनके साथ अनहोनी घट सकती है। इनके अलावा इस ट्रैक पर गए और भी पर्यटक फंसे हो सकते हैं। एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि द्वाली में 8 विदेशी और 10 देसी समेत 16 स्थानीय ग्रामीण कुल 34 लोग फंसे हुए हैं। एसडीएम के अनुसार ये सभी सुरक्षित हैं।