जम्मू। इस बार दिसंबर के अंतिम सप्ताह में वैष्णो देवी भवन, भैरव घाटी व त्रिकुटा पर्वत सफेद चादर में लिपट चुके हैं। बोर्ड ने आपदा प्रबंधन टीम के सदस्यों को यात्रा मार्ग पर तैनात करते हुए श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं। यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या इतनी भी नहीं है क्योंकि कोरोना के चलते 15 हजार श्रद्धालुो्ं को प्रतिदिन शामिल होने की अनुमति है पर लखनपुर में पांबदियों के चलते अधिक लोग नहीं आ रहे।
बर्फ के कारण मार्ग पर फिसलन हो गई है परंतु बोर्ड के कर्मचारी निरंतर मार्ग को साफ कर रहे हैं। यही नहीं वहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं को भी इस बारे में जागरूक किया जा रहा है। दूर से रोशनी से जगमगाता सफेद चादर में लिपटा मां वैष्णो देवी का भवन हर किसी को आकर्षित कर रहा है। आसमान से गिरती बर्फ व सर्द मौसम की परवाह न करते हुए देश भर से मां वैष्णों के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए निरंतर भवन की ओर बढ़ रहे हैं। जो श्रद्धालु मां के दर्शन कर वापिस लौट रहे हैं, उनके चेहरों पर भी चमक नजर आ रही है।
रविवार सुबह से भवन पर हो रही बर्फबारी के कारण सांझी छत हैलीपैड पर भी बर्फ जम चुकी थी। बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को बैटरी कार मार्ग व भैरव घाटी मार्ग पर भी नजर रखने को कहा है। यदि इन मार्ग पर फिसलन बढ़ जाती है तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये मार्ग भी बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु केवल पुराने रास्ते से ही जा पाएंगे।
भवन के पास, सांझी छत और भैरव घाटी में श्रद्धालु बर्फ की सफेद चादर पर खेलते, सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं। बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि सांझी छत हैलीपैड पर बर्फ हटाने का काम जारी है। फिलहाल भवन पर बर्फबारी बहुत कम हुई है परंतु भैरव घाटी व त्रिकुटा पर्वत पर अधिक बर्फबारी हुई है।
बर्फ की सफेद चादर से ढके त्रिकुटा पर्वत और भवन पर एक साथ भगवती दर्शन व बर्फ का नजारा लेने की इच्छा रखने वाले बहुतेरे हैं, परंतु सब की इच्छा पूरी नहीं हो सकती। 15 हजार से ज्यादा यात्रा में शामिल नहीं हो सकते और यह संख्या भी पूरी नहीं हो पा रही है। लखनपुर में आने वालों पर कोरोना 2.0 के कारण बंदिशें और कड़ी कर दी गई हैं।