नई दिल्ली। साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण गुरुवार को सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में अद्भुत नजारा दिखाई दिया। कासरगोड़ में तो रिंग ऑफ फायर की स्थिति दिखाई दी। यह इस दशक का आखिरी सूर्य ग्रहण भी है। सूर्य ग्रहण से जुड़ी हर जानकारी...
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज सुबह सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। उन्होंने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें शेयर की।
- केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में दिखा अद्भुत नजारा। भारत में सिर्फ कासरगोड़ में दिखा रिंग ऑफ फायर।।
- अबुधाबी में रिंग ऑफ फायर की तरह दिखा सूर्य ग्रहण।
- भारत में अलग अलग जगह दिखे अलग नजारे।
- अहमदाबाद, कोच्ची और भुवनेश्वर में भी दिखा जबरदस्त नजारा।
- तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने को मिला और सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा।
- धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे।
- चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, उदगमंडलम और मदुरै समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया। हालांकि कोयंबटूर और इरोड से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया।
- सूर्य ग्रहण शुरू, एएनआई ने ट्विटर पर जारी की ग्रहण की पहली तस्वीर। भुवनेश्वर में दिखा ऐसा नजारा।
- अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की भूल ना करें। विकिरण से बचाने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
- भारतीय समय अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 मिनट से शुरू होगा और सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू करेगा।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण सुबह 9.26 पर दिखाई देगा। वहीं, 10.57 तक यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा।
- भारत में ग्रहण की अवधि अवधि 2 घंटे 40 मिनट 6 सेकंड होगी। इस सूर्य ग्रहण का सूतक बारह घंटे पहले ही 25 दिसंबर की रात 8:17 पर लग गया।
- दुनियाभर में दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगा सूर्य ग्रहण। यह पिछले 58 साल में सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा।
- ग्रहण की वजह से सूतक बुधवार रात 8 बजे लग गया। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।
- इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था।
- यह एक विशेष खगोलीय घटना होगी जिसमें सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखेगा। इसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, फिलिपिंस, साउदी अरब और सिंगापुर जैसे जगहों में देखा जा सकता है।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा। भारत के अन्य हिस्सों में इसका असर कम रहेगा।
क्या होता है सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चंद्रमा द्वारा आवृत्त हो जाए। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।