सियाचीन से एक बड़ी खबर सामने आई है।ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद एक पुराने बंकर में मिला है। चंद्रशेखर उस टीम का हिस्सा थे, जिसे प्वाइंट 5965 पर कब्जा करने का काम दिया गया था।ऑपरेशन मेघदूत में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।
खबरों के मुताबिक, 38 साल बाद ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए सैनिक का शव 13 अगस्त को एक पुराने बंकर में मिला है।ऑपरेशन मेघदूत के दौरान कई सैनिक हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। ऑपरेशन मेघदूत में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें 14 सैनिकों के शव का पता उसी समय चल गया था, जबकि 5 लापता थे।
पिछले 38 साल से लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला की पत्नी उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रही थीं। शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर मंगलवार को हल्द्वानी पहुंचने की संभावना है। मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील अंतर्गत बिन्ता हाथीखुर गांव निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला 1971 में कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे।
लांसनायक के पार्थिव शरीर की जानकारी सुनकर हर्बोला के परिवार में गम और खुशी दोनों हैं। सूचना मिलने पर रविवार को एसडीएम मनीष कुमार सिंह और तहसीलदार संजय कुमार समेत प्रशासन की टीम रामपुर रोड डहरिया स्थित सरस्वती विहार में उनके घर पहुंची। एसडीएम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया।