नई दिल्ली, दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर धार्मिक शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी और इसके लिए बाहर से भी कुछ लोग आए थे। दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच में यह बात निकलकर सामने आई है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जांच में सामने आया है की जहांगीरपुरी में हुई हिंसा में बाहर से भी कुछ लोग आए थे। पुलिस लगातार जहांगीरपुरी के लोकल इनपुट से बाहरी लोगों की पहचान करवा रही है, लेकिन वीडियो में हंगामा कर रहे करीब 1 दर्जन लोगों की कोई पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि, पुलिस इस मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाब रही है।
इस हिंसा से जुड़े अब तक दर्जनों वीडियो और सीसीटीवी फुटेज पुलिस के साथ लगे हैं। पुलिस इनके विश्लेषण के आधार पर ही अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है।
हिंसा की जांच बेशक क्राइम ब्रांच को हेंडओवर हो गई है, लेकिन इलाके के दंगाइयों को पकड़ने के लिए लोकल पुलिस भी लगातार दबिश दे रही है। हिंसा में दो बड़े चेहरे अंसार और असलम के अलावा अब तक 21 गिरफ्तारियां और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।
जांच में सामने आया है कि असलम को फायरिंग करने के लिए इलाके के ही एक क्रिमिनल गुल्ली ने भड़काया था। अब इस गुल्ली को पकड़ने की धर पकड़ चल रही है।
साथ ही एक और शख्स जो फायरिंग करता नजर आया था, हालांकि, उसकी गोली किसी को लगी नहीं थी उसकी पहचान हो गई है और उसे पकड़ने के लिए भी छापेमारी चल रही है। पुलिस ने इसके एक दूर के भाई सलीम उर्फ चिकना भी पकड़ लिया है, जो खुद दंगे में शामिल था।