नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर शुक्रवार को कहा कि आज जब सीमा पर संकट की स्थिति है तो ऐसे समय सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। उन्होंने यह सवाल भी किया जब चीन की सेना भारत की भूभागीय अखंडता का उल्लंघन कर रही है तो क्या ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्वास में लेंगे?
सोनिया ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों के सम्मान में कांग्रेस की ओर से 'शहीदों को सलाम दिवस' मनाए जाने के मौके पर एक वीडियो संदेश में यह भी कहा कि कांग्रेस भारतीय सेना और सैनिकों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के शौर्य को नमन करने के लिए पूरे देश में कांग्रेसजन और देश के नागरिक शहीदों को सलाम दिवस मना रहे हैं। मैं खुद को उनके साथ जोड़ती हूं।
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी घुसपैठ को रोकते हुए हमारे 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। देश उनके बलिदान के लिए सदैव आभारी रहेगा। हमें हमारे सैनिकों और सेना पर नाज है। देश सुरक्षित है, क्योंकि हमारी सेना प्राणों की आहुति देकर भी देश की हिफाजत करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी सेना और सैनिकों के प्रति आदरभाव प्रकट करते हुए मजबूती के साथ खड़े रहने के संकल्प को दोहराती है। सोनिया ने कहा कि आज जब भारत-चीन सीमा पर संकट की स्थिति है तो केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती।
सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई, लेकिन दूसरी तरफ रक्षामंत्री और विदेश मंत्रालय बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी और अनेक बार चीनी घुसपैठ की चर्चा करते हैं। हमारी फौज के जनरल, रक्षा विशेषज्ञ और समाचार पत्र उपग्रह से ली गईं तस्वीरें दिखाकर चीनी घुसपैठ की पुष्टि कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि आज जब हम शहीदों को नमन कर रहे हैं तो देश जानना चाहता है कि अगर चीन ने लद्दाख में हमारी सरजमीं पर कब्जा नहीं किया तो फिर हमारे 20 सैनिकों की शहादत क्यों और कैसे हुई?
उन्होंने यह भी पूछा कि चीन के सैनिकों द्वारा लद्दाख इलाके में कब्जा की गई हमारी सरजमीं को मोदी सरकार कैसे और कब वापस लेगी? क्या चीन द्वारा गलवान घाटी और पैंगोंग सो इलाके में नए निर्माण और नए बंकर बनाकर हमारी भूभागीय अखंडता का उल्लंघन किया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री इस विषय पर देश को विश्वास में लेंगे? (भाषा)