south west monsoon : भारत के बड़े हिस्से को भरपूर बारिश से सराबोर करने के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून अब अपने अंतिम दौर में है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून की पश्चिमी राजस्थान और कच्छ से विदाई हो गई। इस बार मानसून एक सप्ताह की देरी से विदाई ले रहा है।
आईएमडी के अनुसार, एक जून को केरल के तट पर दस्तक देने वाले मानसून की 17 सितंबर से वापसी शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से 23 सितंबर को वापसी शुरू हुई है। ऐसे में इस बार मानसून एक सप्ताह की देरी से विदाई ले रहा है।
देशभर में 5 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश लाने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की यात्रा सोमवार को शुरू हुई लेकिन मौसम कार्यालय ने आगामी सप्ताह में कई क्षेत्रों में व्यापक बारिश का अनुमान भी जताया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान पंजाब, हरियाणा और गुजरात के आसपास के इलाकों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई लेकिन 36 मौसम विज्ञान संबंधी उपमंडल में से 5 में कम बारिश दर्ज की गयी। इनमें जम्मू कश्मीर (26 प्रतिशत वर्षा कम), हिमाचल प्रदेश (20 प्रतिशत कम), अरुणाचल प्रदेश (30 प्रतिशत कम), बिहार (28 प्रतिशत कम) और पंजाब (27 प्रतिशत कम) शामिल हैं। 9 में अत्यधिक बारिश हुई जिसमें राजस्थान (74 प्रतिशत), गुजरात (68 प्रतिशत), महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में फैल जाता है। वह सितंबर के मध्य तक उत्तर-पश्चिमी भारत से लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह चला जाता है।
इस मानूसन में देश में एक जून से 23 सितंबर के बीच 880.8 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि सामान्यत: 837.7 मिमी. बारिश होती है।
मौसम कार्यालय ने मंगलवार को पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान जताया है जिससे पूर्वी तट पर कुछ राज्यों में बारिश हो सकती है। तटीय और उत्तर कर्नाटक के अंदरुनी इलाकों, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य, पूर्व और उत्तरपूर्व भारत में बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है।
Edited by : Nrapendra Gupta