भोपाल। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद सबकी निगाहें कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय और सपा और बसपा विधायकों पर लग गई है। इस बीच तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सपा और बसपा विधायक ने शिवराज सिंह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद यह तय माना जा रहा है कि यह दोनों विधायक जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते है।
उधर कई दिन तक बेंगलुरु में रहने का बाद मध्य प्रदेश लौटे निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी अब बागी तेवर दिखा दिए है। वेबदुनिया से बातचीत में सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी और समय रहते टाइम मैनेजमेंट नहीं होने के चलते आज नौबत यहां तक आ गई है। उन्होंने कहा कि लगातार विधायकों की उपेक्षा और क्षेत्र की जनता के काम नहीं होने के चलते सीनियर विधायक बिसाहूलाल सिंह जैसे लोग पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को समय रहते हुए पूरा मैनेजमेंट कर लेना चाहिए था और सभी को अगर मान सम्मान मिल जाता है तो यह स्थिति नहीं आती। वेबदुनिया के इस सवाल पर कि बदल ही परिस्थितियों में उनका क्या रुख होगा इस पर उन्होंने साफ कहा कि पिछले 15 महीने में सरकार को समर्थन देने के बाद भी लगातार उनकी उपेक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि राजनेता के लिए सबसे मुश्किल वह समय होता है जब वह जनता के काम नहीं कर पाता है। उन्होंने कहा कि वह भी क्षेत्र की जनता के लिए लड़ते रहे। वहीं भाजपा के किसी भी प्रकार के ऑफर मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कोई बात नहीं हुई है।