Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Special Report : चीन की गोद में बैठकर नेपाल भारत के लिए बन रहा नई चुनौती ?

चीन के इशारे पर नेपाल में भारत विरोधी गतिविधियां तेज,सड़क निर्माण में जुटी चीनी कंपनियां

हमें फॉलो करें Special Report : चीन की गोद में बैठकर नेपाल भारत के लिए बन रहा नई चुनौती ?
webdunia

विकास सिंह

, मंगलवार, 23 जून 2020 (11:22 IST)
लद्दाख में LAC पर सड़क निर्माण को लेकर शुरु हुआ भारत –चीन के बीच विवाद गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद जहां लगातार बढ़ता जा रहा हैं वहीं भारत को घेरने के लिए चीन, भारत के सबसे विश्वस्त और भरोसेमंद पड़ोसी देश नेपाल में अपना दखल बढ़ा दिया हैं।

उत्तराखंड में गर्बाधार से चीन की सीमा तक लिपुलेख तक भारत के सड़क बनाने के बाद नेपाल ने भी दार्चुला-टिंकर सड़क पर काम तेज कर दिया है। पहाड़ों को काटकर बनाई जा रही इस सड़क के निर्माण के बारे में चौंकने वाला खुलासा ये हैं कि इस सड़क को चीनी कंपनी के एक्सपर्ट नेपाली सेना का ड्रेस पहनकर तैयार कर रहे हैे।

उत्तरांखड़ के पिथौरागढ़ सीमा से सटे क्षेत्र में इन दिनों अचनाक से नेपाली क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। दुर्गम पहाड़ी इलाके में यहां सड़क निर्माण के लिए नेपाल की तरफ से हेलीकॉप्टर से निर्माण सामाग्री पहुंचाई जा रही है।

चीन से भारत के तनाव के बीच उत्तराखंड में नेपाल सीमा पर चीनी कंपनी के एक्सपर्ट के  सड़क निर्माण में लगे होने की भनक लगते ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं।   
 ALSO READ: नेपाल ने एफएम रेडियो के जरिए शुरू किया भारत विरोधी दुष्प्रचार
नेपाल में चीन का दखल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। चीन रेलवे लाइन के साथ ही भारत से सटे प्रमुख मधेशी इलाको में सर्वे का काम भी कर रहा है। भारत के  धारचूला- लिपुलेख सड़क के समानान्तर नेपाल ने सदरमुकाम दार्चुला से चीन सीमा भज्यांग तक 134 किमी लंबी सड़क निर्माण की तैयारी में है।

गर्बाधार-लिपुलेख सड़क निर्माण के बाद नेपाल ने विरोध दर्ज कराकर दार्चुला-टिंकर सड़क मार्ग पर काम शुरू कर दिया और स्थानीय मीडिया रिपोर्टस बता रही है कि इक सड़क निर्माण में चीन खुलकर मदद कर रहा है। दरअसल चीन भारत को घेरने के लिए पिछले एक दशक से अधिक समय से नेपाल में घुसपैठ की कोशिश रहा है। पिछले दिनों भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख और कालापानी विवाद के बाद चीन को मौका भी हाथ लग गया।    
 ALSO READ: खास खबर : चीन की शह पर मित्र राष्ट्र भारत की दुश्मनी मोल ले रहा नेपाल
वहीं भारत- चीन तनाव के बीच नेपाल के एफएम रेडियो पर भारत विरोधी गानों के प्रसारण यह बता रहा हैं कि लिपुलेख और कालापानी को लेकर दोनों देशों के बीच शुरु हुआ विवाद अब आगे बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ अब नेपाल ने विवादित क्षेत्रों को अपना बताते हुए मौसम बुलिटेन में उसका जिक्र करना शुरु कर दिया है।

ऐसा नहीं हैं कि केवल उत्तराखंड से लगने वाली सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के नेपाल से सटे जिलों लखीमपुर खीरी जिले में नो मैंस लैंड में नेपाल नागरिकों द्धारा अतिक्रमण किए जाने की घटना से तनाव बढ़ा गया है। इसके साथ बिहार की नेपाल से सटी सीमा पर भी तनाव बढ़ता जा रहा है।
 
webdunia

इसके साथ नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने पिछले दिनों संसद में नागरिकता कानून में संशोधन कर दिया है। इस संशोधन के बाद अब नेपाल पुरुषों के साथ शादी करने वाले विदेशी लड़कियों को सात साल के बाद नेपाल की नागरिकता मिल सकेगी। इस बदलाव का सीधा नेपाल और भारत के साथ रिश्तों पर पड़ेगा।

नेपाल के नए कानून का सीधा प्रभाव भारत- नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले उन लोगों के रिश्तों पर पड़ेगा जो सालों से बिना किसी रोक-टोक के रिश्तें करते थे।

पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा नेपाल के साथ भारत के खराब होते रिश्ते और चीन में नेपाल के बढ़ते हुए दखल पर वेबदुनिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहते हैं कि नेपाल के साथ रिश्ते खराब होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नेपाल हमारा छोटा पड़ोसी देश हैं और जैसा की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैं कि नेपाल के साथ रोटी- बेटी का संबंध है, तो उसके साथ हमको बातचीत करनी चाहिए।
ALSO READ: नेपाल विवाद पर बोले राजनाथ सिंह, दोनों देशों में 'रोटी-बेटी' का संबंध, बातचीत से दूर होंगी गलतफहमियां
यशवंत सिन्हा नेपाल को लेकर भारत सरकार के रूख को कठघरे में खड़ा करते हुए कहते हैं कि इतने महीनों तक भारत ने नेपाल के साथ क्यों नहीं बातचीत की ये बात मेरी समझ से परे है। नेपाल के पास तो एक विकल्प था कि वह चीन की गोद में जाकर बैठ जाए और हम इस बात को अच्छी तरह से जानते थे। नेपाल को अगर चीन के करीब होने से बचाना हैं तो भारत को पहल करनी चाहिए और नेपाल के साथ जो संबंध बिगड़े हैं उसको सुधारना चाहिए।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 4,40,215 हुए, 1 दिन में करीब 11,000 लोग स्वस्थ भी हुए