नई दिल्ली। WhatsApp के जरिए जासूसी का मामले पर सरकार ने व्हाट्सएप प्रशासन से जवाब मांगा था। अब कंपनी ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि जासूसी को लेकर उसने सरकार को इस साल मई में ही जानकारी दे दी थी।
WhatsApp ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी यूजर की गोपनीयता और सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हमने इस साल तुरंत ही इस मसले को सुलझा लिया था और भारत और अंतरराष्ट्रीय सरकारों को इस सिलसिले में आगाह भी कर दिया था।
क्या है पूरा मामला? : WhatsApp के जरिए दुनियाभर के देशों में की जा रही जासूसी की जांच कर रहे अधिकारियों ने दावा किया है कि इस साल की शुरुआत में ही हैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से कई देशों में सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी की जा रही थी।
जांच में सामने आया था कि जिन लोगों के फोन की जासूसी की गई है, उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मैक्सिको, पाकिस्तान और भारत के लोग शामिल हैं।
इसराइली सॉफ्टवेयर से हुई जासूसी : इससे पहले WhatsApp ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया था कि एक इसराइली सॉफ्टवेयर के जरिए उनकी जासूसी की गई। यह जासूसी लोकसभा चुनाव के दौरान हुई है।