नई दिल्ली, पेगासस जासूसी कांड पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में केंद्र सरकार का पक्ष रख रखा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कहती है कि डेटा में फोन नंबर्स की मौजूदगी से हैक की पुष्टि नहीं होती।
फोन टैपिंग के मामले में जासूरी के आरोप गलत, लीक डेटा का जासूसी से कोई लेना देना नहीं, फोन टैपिंग के लिए भारत में सख्त प्रोटोकॉल, राष्ट्रहित और सुरक्षा से जुड़े मामलों में ही फोन टैपिंग की अनुमति।
उन्होंने यह भी कहा कि संसद के मानसून सत्र से पहले जासूसी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है।
Pegasus स्पाइवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो व्हाट्सएप जैसे एप समेत फोन में अन्य एप्लिकेशन को हैक कर सकता है। ये सॉफ्टवेयर इज़रायली कंपनी NSO Group द्वारा डेवलेप किया गया है। पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है। ये एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफोन फोन में डाल दिया जाए तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है।