कोलकाता। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि लोगों को ओडिशा के बालासोर में 3 ट्रेन से जुड़े हादसे का कारण जानने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी।
वैष्णव ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा और जोर दिया कि सच्चाई सामने आना चाहिए। रेलमंत्री ने कहा, यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। हमें वास्तविक तथ्य जानना चाहिए। हमें तकनीकी मूल कारण जानना चाहिए। सीबीआई की प्राथमिक जांच पूरी होने दीजिए। इसके बाद हम भविष्य के कदमों के बारे में फैसला करेंगे।
इस हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। यह भारतीय रेल के इतिहास में सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त भी तकनीकी पहलुओं की समानांतर जांच कर रहे हैं।
यह दुर्घटना तब हुई जब दो जून को शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे ट्रेन के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय दूसरी लाइन से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे भी पलट गए।
तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के आरोपों कि क्या देश में विकसित कवच ट्रेन सुरक्षा प्रणाली बालासोर दुर्घटना के दौरान काम नहीं कर पाई, इस पर मंत्री ने कहा, इस दुर्घटना का कवच से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, हमें उस मुद्दे का कभी राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए जिसमें रेलवे और सार्वजनिक सुरक्षा शामिल है।
रेलमंत्री ने कहा, जो लोग कवच के बारे में सवाल पूछ रहे हैं, उनके लिए मेरा सवाल है- जब पूरी दुनिया में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली लागू की गई थी तब आप कहां थे? भारत में इसे 2014 के बाद विकसित किया गया था, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई थी।
मंत्री ने कहा कि कवच में सभी पहलू- निर्माण, स्थापना, डिजाइन अद्वितीय हैं और प्रौद्योगिकी को विकसित करने की जरूरत होती है। वैष्णव ने कहा, शहरी क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में डिजाइन अलग है। यह बहुत आसान नहीं है।
उन्होंने जोर दिया कि 2014 के बाद पहली बार देश में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए। वैष्णव ने कहा कि रेलवे प्रणाली की क्षमता कई गुना बढ़ानी होगी, क्योंकि देश की आबादी 140 करोड़ है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)