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Lok Sabha Elections : ट्रांसजेंडर समुदाय चाहता है राजनीति में पहचान और टिकटों में बड़ा हिस्सा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024 (17:45 IST)
Statement of transgender community regarding Lok Sabha elections : ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य उनकी आवाज सुने जाने की उम्मीद में आगामी लोकसभा चुनावों में टिकटों में उन्हें बड़ी हिस्सेदारी देने और ट्रांस शक्ति को पहचाने जाने की मांग कर रहे हैं। देश के सबसे हाशिए पर रहने वाले समुदायों में से एक से संबंधित ज्यादातर ट्रांसजेंडर लोग राजनीति में शामिल होने से कतराते हैं। हालांकि मीरा परीदा, बॉबी किन्नर और चंद्रमुखी मुव्वाला जैसे नेता समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं।
 
ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों ने जताई यह उम्मीद : समुदाय के सदस्यों को उम्मीद है कि अधिक राजनीतिक दल आम चुनावों के लिए ट्रांसजेंडर लोगों को टिकट देंगे। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि ‘नारी शक्ति’ (महिला सशक्तीकरण) के विमर्श को आगे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि ‘ट्रांस शक्ति’ को भी उचित मान्यता और प्रतिनिधित्व मिल सके। समुदाय के सदस्यों को उम्मीद है कि अधिक राजनीतिक दल आम चुनावों के लिए ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को टिकट देंगे।
 
आजादी के 75 साल बाद भी शोषण किया जाता है : मायाधर परीदा के तौर पर पैदा हुईं बीजू महिला जनता दल की उपाध्यक्ष मीरा परीदा ने अफसोस जताया कि कैसे आजादी के 75 साल बाद भी ट्रांस समुदाय के सदस्यों से दिन में किनारा किया जाता है और रात में उनका शोषण किया जाता है। अपने परिवार के सदस्यों से वर्षों तक उपहास झेलने के बाद 12 साल की उम्र में घर छोड़ने वाली परीदा ने कहा, अगर पार्टी मुझे जिम्मेदारी सौंपने का फैसला करती है तो मैं विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।
 
परीदा ने कहा कि उन्होंने चुप रहने से इनकार कर दिया है और यथास्थिति को चुनौती देने के लिए दृढ़ संकल्पित थीं। इसलिए उन्होंने खुद को सामाजिक कार्यों में व्यस्त कर लिया और अंततः राजनीति में अपनी आवाज बुलंद की। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली नगर निगम की पहली ट्रांसजेंडर पार्षद किन्नर ने देश की राजनीति में ट्रांसजेंडर लोगों के प्रतिनिधित्व और समावेश की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने बताया, कुछ साल पहले लोग सोचते थे कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति कुछ नहीं कर सकते, वैसे यह सत्य नहीं है। जो काम स्त्री-पुरुष कर सकते हैं, वही हम भी कर सकते हैं। किन्नर के विचारों का समर्थन करते हुए 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली मुव्वाला ने कहा कि देश की राजनीति में समुदाय के समावेश को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
 
हम जानते हैं कि हमारे कष्ट क्या हैं : गोशामहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली मव्वाला ने कहा, ट्रांस समुदाय को उन समस्याओं के बारे में अधिक बात करने की ज़रूरत है, जिनका हम सामना करते हैं। हम जानते हैं कि हमारे कष्ट क्या हैं। मैं सड़क पर एक भिखारी हूं, एक यौनकर्मी हूं, मुझे मेरे परिवार ने बाहर निकाल दिया है, मेरे सहपाठियों द्वारा मुझसे जबरन वसूली और छेड़छाड़ की जाती है,  हमारे साथ बहुत सी चीजें होती हैं। जो लोग संसद में हमारा प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं वे उस दर्द को नहीं जानते जो हम जानते हैं।
 
ज्यादातर पार्टियां ट्रांसजेंडर उम्मीदवार के बारे में सोचती भी नहीं : उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति ऐसी है कि ज्यादातर बड़ी पार्टियां ट्रांसजेंडर उम्मीदवार चुनने के बारे में सोचती भी नहीं हैं और केवल छोटी पार्टियां ही उन पर विचार करती हैं। भारत निर्वाचन आयोग में 2024 में 48,044 ‘थर्ड जेंडर’ मतदाता पंजीकृत हैं।
वर्ष 2019 में यह संख्या 39,683 थी। वर्ष 2019 में 17वें आम चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 91.2 करोड़ थी। इनमें से 47.34 करोड़ पुरुष, 43.85 करोड़ महिलाएं और 39,075 ‘थर्ड जेंडर’ के थे। उम्मीदवारों की कुल संख्या 8,054 थी जिनमें से 7,322 पुरुष और 726 महिलाएं थीं जबकि ‘थर्ड जेंडर’ के छह थे।(भाषा) (File Photo) 
Edited By : Chetan Gour 

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