ICC Bans Transgender from International Women's Cricket : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने प्रमुख नीतिगत फैसले में मंगलवार को उन क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं (international womens cricket) के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो मेल प्यूबर्टी Male puberty (पुरुषों में किशोरावस्था में होने वाला शारीरिक/लैंगिक बदलाव) हासिल कर चुके हैं। सितंबर में, डेनिएल मैकगैही (Danielle McGahey) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर खिलाड़ी बनीं थी।
इसमें सर्जरी या लिंग परिवर्तन के मामले भी शामिल हैं। आईसीसी ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय ले रहा है।
आईसीसी ने यहां जारी बयान में कहा, नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में) पर आधारित है। महिलाओं के खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन। इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला बनने वाले प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार की मेल प्यूबर्टी से गुजर चुके हैं वे सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।
लिंग पुनर्निर्धारण और उपचार वर्षों से विश्व एथलेटिक्स में बहस का विवादित विषय रहा है।
आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लिंग पात्रता के नियमों को मजबूत करते हुए घरेलू स्तर पर इस मुद्दे को सदस्य बोर्डों के हाथों में छोड़ दिया।
आईसीसी ने कहा, यह फैसला डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है। यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता के मामले में प्रत्येक सदस्य बोर्ड का अपना कानून होगा। इस नियम की दो साल के अंदर समीक्षा की जाएगी।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ अलार्डिस (Geoff Allardice) ने कहा कि संस्था व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस निर्णय पर पहुंची है।
उन्होंने कहा, लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद हुआ है। यह विज्ञान पर आधारित होने के साथ समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप है।