नई दिल्ली। राफेल सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के वार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी करार दिया और आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था। राहुल गांधी के मोदी सरकार पर निशाना साधने के बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी को ईमानदारी का प्रतीक बताया।
भाजपा प्रवक्ता एवं केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिलायंस तथा दसाल्ट ने 2012 में ही एक समझौता किया था और तब संप्रग सत्ता में था इसलिए वह इस आरोप को खारिज करते हैं कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी का पक्ष लिया था। इस समझौते की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति से कराने की गांधी की मांग को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार एक के बाद एक झूठ बोलने वाले अहंकारी नेता के अहं को संतुष्ट करने के लिए ही ऐसा नहीं किया जा सकता।
प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वैसे शब्दों का इस्तेमाल आजाद भारत में आज तक किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं किया है। उन्होंने गांधी के बयानों को गैरजिम्मेदार और शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि बिना किसी गुण और काबिलियत के सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के कारण कांग्रेस अध्यक्ष बने राहुल गांधी से कोई और उम्मीद की भी नहीं जा सकती है।
गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, जमीन और शेयर की लूट में अपनी माता के साथ जमानत पर बाहर हो, एक ऐसा व्यक्ति जो अपने बहनोई द्वारा जमीन लूटने पर खामोश रहे और एक ऐसा व्यक्ति जिसके पूरे परिवार ने बोफोर्स में घूस ली हो, उससे देश कोई अपेक्षा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के लोकप्रिय और प्रामाणिक नेता तथा ईमानदारी के प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी को 'चोर' कहा है। आजाद भारत में आज तक किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किसी प्रधानमंत्री के लिए नहीं किया है।
राफेल सौदे के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों पर भाजपा नेता ने दावा किया कि राहुल गांधी राफेल की सभी जानकारियों को सार्वजनिक कराकर पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं। रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग शासन के दौरान बाहरी कारणों से राफेल सौदे को अंतिम रूप नहीं देने का दबाव था। अखबार में प्रकाशित उस समय की रिपोर्ट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि रिलायंस और दसाल्ट ने 2012 में ही एक समझौता किया था और तब संप्रग सत्ता में था।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी क्या चाहते हैं, क्या हम राफेल विमान के बारे में सबकुछ बता दें ताकि पाकिस्तान और चीन को सब पता चल जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी इस देश में भ्रष्टाचार की जननी रही है। वे किस हक से सवाल कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने विमान के मूल्य पर बात करते हुए कहा कि संप्रग सरकार की तुलना में राजग सरकार ने बेसिक विमान 9 फीसदी सस्ता और हथियारों से लैस विमान 20 फीसदी सस्ता खरीदा है।
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रविशंकर ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने ऐसा बयान क्यों दिया, किस मजबूरी में दिया, हम इसके बारे में क्या बोलें? इससे हमारा कोई वास्ता नहीं है। प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद वायुसेना की आवश्यकता को देखते हुए इसे मंजूरी दी गई। नेशनल हेराल्ड मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार ने बोफोर्स मामले में रिश्वत ली थी। (भाषा)