गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली भाजपा और शिवसेना में अब मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसको लेकर महाभारत छिड़ गई है। इस बीच बुधवार को भाजपा विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को फिर से नेता चुना जाएगा। इस बीच शिवसेना अपने सत्ता के 50-50 फॉर्मूले से बिलकुल भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिखाई दे रही है। शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी आज बुधवार को पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
शाह फॉर्मूला भी फेल!- महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले 5 सालों में जब भी सत्ता को लेकर कोई विवाद होता था तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दखल के बाद दोनों ही पार्टियों के बीच किसी फॉर्मूले पर आम सहमति बन जाती थी। बात चाहे लोकसभा चुनाव के पहले की हो या विधानसभा चुनाव के पहले की, गठबंधन को लेकर दोनों ही पार्टियों को एकसाथ गठबंधन के मंच पर लाने में अमित शाह की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी।
विधानसभा के चुनाव नतीजों के बाद जब दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हुई तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात कर मामले का हल निकालने की बात कही थी। लेकिन अब बदले हालात में अमित शाह का महाराष्ट्र दौरा रद्द होने से दोनों के बीच खींचतान बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अपनी आज बुधवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी है।
बैठक रद्द होने की जानकारी देते हुए पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि जब देवेन्द्र फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि कोई 50-50 का फॉर्मूला तय नहीं हुआ तो बैठक का क्या औचित्य? इस बीच दोनों ही खेमों में पर्दे के पीछे की सियासत गर्मा गई है। दोनों ही पार्टियां निर्दलीय विधायकों को अपने-अपने खेमे में लाने में जुट गईं और सत्ता के नए समीकरण तलाशने में जुट गई हैं। शिवसेना किसी भी हालात में मुख्यमंत्री पद से अपना दावेदारी छोड़ना नहीं चाह रही है, वहीं मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस बार-बार साफ कह रह हैं कि मुख्यमंत्री वे ही बनेंगे।
इस बीच मंगलवार को जारी बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा कि चुनाव के पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच किसी फॉर्मूले पर बातचीत हुई हो तो वह उनकी जानकारी में नहीं है।
जोड़-तोड़ की सियासत शुरू- महाराष्ट्र में जैसे-जैसे नई सरकार के गठन का समय बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे जोड़- तोड़ की सियासत भी तेज होती जा रही है। इस बीच भाजपा सांसद सुनील काकड़े ने दावा किया कि शिवसेना के कई विधायक मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के संपर्क में हैं और वे सरकार बनाने को तैयार हैं। इस बीच कांग्रेस ने शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए खुला ऑफर दे दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शिवसेना को समर्थन देने का ऑफर देते हुए कहा कि शिवसेना के लिए दरवाजे खुले हुए हैं।
महाराष्ट्र विधासभा की 288 विधानसभा में भाजपा के 105 और शिवसेना के 56 विधायक चुने गए हैं, वहीं अब तक शिवसेना को 5 और भाजपा को 10 निर्दलीय विधायक अपना समर्थन दे चुके हैं। वहीं दूसरी विपक्षी दल के तौर पर कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भले ही पार्टी के बड़े नेता विपक्ष में बैठने की बात कह रहे हों लेकिन अगर भाजपा और शिवसेना में तकरार बढ़ी तो शरद पवार की पार्टी 'किंगमेकर' की भूमिका में आ सकती है।