नई दिल्ली। भारत में वर्षा 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए। केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी देते राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इनकी संख्या वर्ष 2019 में 1,39,123 थी। एनसीआरबी ने बताया कि (प्रति लाख जनसंख्या) आत्महत्या दर में भी बढ़ोतरी हुई है। यह 2019 में 10.4 थी, लेकिन पिछले साल यह 11.3 रही।
आत्महत्या के मामलों में महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा। यहां कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं। उसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्यप्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के अनुसार इन इन 5 राज्यों के आंकड़ों को यदि मिलाया जाए तो ये देशभर में दर्ज किए गए आत्महत्या के कुल मामलों का 50.1 है जबकि बाकी 49.9 प्रतिशत मामले शेष 23 राज्यों एवं 8 केंद्रशासित प्रदेशों मे दर्ज किए गए।
बीते वर्ष आत्महत्या करने वाले लोगों में से कुल 56.7 प्रतिशत लोगों ने पारिवारिक समस्याओं (33.6 प्रतिशत), विवाह संबंधी समस्याओं (5 प्रतिशत) और किसी बीमारी (18 प्रतिशत) के कारण अपनी जान ली। रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या करने वालों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 70.9: 29.1 रहा।