नई दिल्ली। असम में तेजपुर से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गए सुखोई विमान के दोनों पायलटों की हादसे में मृत्यु होने की बुधवार को पुष्टि हो गई। विमान का मलबा मिलने के पांच दिन बाद वायुसेना ने आज कहा कि दोनों पायलटों को इस हादसे में प्राणघातक चोटें लगीं थीं।
वायुसेना ने कहा 23 मई को तेजपुर एयरबेस से 60 किलोमीटर दूर हादसे से पहले स्क्वाड्रन लीडर डी पंकज (36) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस अचुदेव (26) विमान से बाहर निकल नहीं पाए थे।
तेजपुर स्थित चौथी कोर के लेफ्टिनेंट कर्नल संबित घोष ने कहा कि दोनों के पार्थिव शरीर तेजपुर स्थित वायुसेना बेस पर लाए गए हैं। तीन दिन के सघन तलाशी अभियान के बाद अरुणाचल प्रदेश के घने जंगल वाले इलाके में 26 मई को सुखोई-30 एमकेआई विमान का मलबा मिला था।
वायुसेना के प्रवक्ता अनुपम बनर्जी ने दिल्ली कहा, विमान के उड़ान डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) के विश्लेषण और दुर्घटना स्थल से बरामद कुछ अन्य सामग्रियों से पता चला है कि हादसे के पहले पायलट कॉकपिट से बाहर नहीं निकल पाए थे। विमान का 23 मई को दिन में साढ़े 10 बजे तेजपुर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद तकरीबन 11 बजकर 10 मिनट पर रडार से संपर्क टूट गया था। (भाषा)