नई दिल्ली। कर्नाटक में राजनीतिक संकट से संबंधित घटनाक्रम इस प्रकार रहा। उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में शनिवार को शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण करने का आदेश दिया था।
12 मई : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान।
15 मई : निर्वाचन आयोग ने चुनाव परिणामों की घोषणा की। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं जिन्होंने चुनाव बाद गठबंधन कर लिया। भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन दोनों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
16 मई : कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और बीएस येदियुरप्पा से अगले दिन शपथ लेने को कहा।
16-17 मई : उच्चतम न्यायालय ने आधी रात में तत्काल सुनवाई के लिए अपने द्वार खोले।
17 मई : तड़के 2 बजकर 11 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई और सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर खत्म हुई। न्यायालय ने शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इंकार किया। येदियुरप्पा ने सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
18 मई : उच्चतम न्यायालय ने 19 मई की अपराह्न 4 बजे शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन देर रात उच्चतम न्यायालय पहुंचा और शक्ति परीक्षण के लिए भाजपा विधायक केजी बोपैया को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह मुद्दे पर 19 मई को सुनवाई करेगा।
19 मई : न्यायालय ने विश्वास मत में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण किए जाने का आदेश दिया।
अपराह्न 4 बजे : येदियुरप्पा ने कहा कि मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा, मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। (भाषा)