नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केरल में बाढ़ की स्थिति को गुरुवार को गंभीर बताया, साथ ही शीर्ष न्यायालय मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर 142 फुट पार कर जाने के मुद्दे पर केरल एवं तमिलनाडु सरकारों के बीच केंद्र की मध्यस्थता की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की सदस्यता वाली एक पीठ ने एक वकील की दलील पर विचार किया और वे याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गए। बाढ़ के मद्देनजर याचिका के जरिए आपदा प्रबंधन के कदमों, केरल में 33 बांधों के फाटक खोले जाने, मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 142 फुट को पार कर जाने पर केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों के बीच भ्रम की स्थिति होने को लेकर एक फैसला करने का अनुरोध किया गया है।
केरल में बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है। बारिश के चलते पेरियार नदी में बाढ़ का पानी बढ़ने और मुल्लापेरियार सहित सभी बड़े बांधों का फाटक खोले जाने से निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं। (भाषा)