नई दिल्ली। शाहीन बाग में 60 दिन से ज्यादा समय से प्रदर्शन चल रहा है। लोग रास्ता जाम से परेशान है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यदि हर कोई रास्ता रोक लेगा तो कैसे चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि शाहीन बाग में सीएए के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए किसे नियुक्त किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के नाम प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक वार्ताकार के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए सामने आए।
कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को लोगों को समझाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि लोगों को समझाया जाए कि वे वैकल्पिक जगह पर जाकर प्रदर्शन करें। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते फिर होगी। हेगड़े के साथ एनजीओ की तरफ से पेश वकील साधना रामचन्द्रन भी जाएंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने 2 महीने से बंद सार्वजनिक रास्ते को खोलने का आदेश देने को कहा था। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि सार्वजनिक रास्तों को रोकने संबंधी गाइड लाइन जारी की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को अपनी आवाज समाज तक पहुंचाने का अधिकार है। हम अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लोकतंत्र में अपनी आवाज पहुंचाएं, लेकिन यह समस्या दिल्ली के ट्रैफिक से जुड़ी हुई है।
उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ करीब 2 महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसकी वजह से रोड 13ए बंद है। यह रोड दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है।